आईपीएल जो इंडियन प्रीमियर लीग के नाम से जाना जाता है यह एक ऐसा टूर्नामेंट है जो हर साल लगभग दो महीने तक चलता है. इसमें दस टीमें हिस्सा लेती हैं और खिलाड़ियों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाने का मौका मिलता है. दर्शकों को भी भरपूर मनोरंजन मिलता है और हमें कई नए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को देखने का मौका मिलता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आईपीएल का इतना लंबा समय हमारे क्रिकेटरों की सेहत और करियर पर कैसा असर डालता है?
अब जब बात आईपीएल की हो ही रही है तो इस बात पर भी गौर किया जाना चाहिए की आईपीएल की वजह से ना सिर्फ हमे कई प्रतिभाशाली क्रिकेटर मिले बल्कि हमारे कई प्रतिभाशली क्रिकेटरों का करियर हाल्ट पर चला गया. आईपीएल ने हमे बहुत सारे प्लेयर्स दिए लेकिन आईपीएल के इसी कॉम्पैक्ट शेड्यूल की वजह से कई प्लेयर्स लंबे वक्त तक चोटिल रहे. केएल राहुल, हार्दिक पांड्या, जसप्रीत बुमराह, प्रसिद्ध कृष्णा, मोहम्मद शमी ये कुछ अहम् भारतीय प्लेयर्स हैं जो कहीं ना कहीं आईपीएल की वजह से इंटरनेशनल क्रिकेट में काफी ब्रेक ले चुके हैं.
केएल राहुल तो एक इंटरव्यू में ये तक कह चुके हैं की वो भारतीय टीम के लिए ज्यादा से ज्यादा मैच खेलना चाहते हैं क्युकी उनके करियर में उन्होंने काफी मैच मिस किये हैं. अब उन्होंने सीधे सीधे तो आईपीएल को जिम्मेदार नहीं ठराया लेकिन हर कोई जानता है आईपीएल के बिजी शेड्यूल की वजह से कई खिलाड़ी इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर रहे हैं.
अब दूसरी तरफ टी20 वर्ल्ड कप को देखिए. इस साल, 2024 में, टी20 वर्ल्ड कप 20 टीमों के बीच खेला जा रहा है और इसे मात्र एक महीने के अंदर खत्म कर दिया जाएगा. ये सोचने वाली बात है कि जब आईपीएल जैसी लीग दो महीने तक चल सकती है, तो फिर इतना महत्वपूर्ण टूर्नामेंट इतनी जल्दी क्यों खत्म किया जा रहा है? क्या आईसीसी यानी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल को अपने खिलाड़ियों की सेहत की परवाह नहीं है?
हमारे क्रिकेटरों की मेहनत, उनका संघर्ष और उनका समर्पण किसी से छुपा नहीं है. वे न केवल देश के लिए खेलते हैं बल्कि अपनी जान की बाजी लगाकर मैदान पर उतरते हैं, लेकिन इस तरह के व्यस्त और कॉम्पैक्ट टूर्नामेंट से उन पर बहुत बड़ा दबाव पड़ता है. इस दबाव में न केवल उनकी शारीरिक सेहत खराब होती है बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ता है.
आईपीएल का लंबा समय और टी20 वर्ल्ड कप का संकुचित समय, दोनों ही हमारे खिलाड़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण हैं. टी20 वर्ल्ड कप जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट को जल्दी-जल्दी खत्म करना खिलाड़ियों के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है. वे चोटिल हो सकते हैं और गंभीर चोटें उनके करियर को भी खतरे में डाल सकती हैं.
आईसीसी को चाहिए कि वह अपने खिलाड़ियों की सेहत का ध्यान रखते हुए टूर्नामेंट की अवधि को बढ़ाए ताकि खिलाड़ियों को पर्याप्त आराम मिल सके. खिलाड़ियों की जिंदगी सिर्फ क्रिकेट तक ही सीमित नहीं है. उनके परिवार, उनके सपने और उनकी जिम्मेदारियां भी हैं. अगर ICC उनके स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रखेंगे तो वे अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं दे पाएंगे.
आईपीएल के लंबे समय और टी20 वर्ल्ड कप के छोटे समय में संतुलन बनाना बहुत जरूरी है. आईपीएल की तर्ज पर ही टी20 वर्ल्ड कप को भी पर्याप्त समय मिलना चाहिए ताकि खिलाड़ी बिना किसी तनाव और दबाव के अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकें.