वो लाल फाइल जिसने केजरीवाल को गिरफ्तार करवाया

Global Bharat 22 Mar 2024 12:51: AM 3 Mins
वो लाल फाइल जिसने केजरीवाल को गिरफ्तार करवाया

ये लाल रंग की फाइल जिस पर प्रवर्तन निदेशालय लिखा है, ये केजरीवाल को ठीक उसी तरह डरा रही है, जैसे कोई आरोपी पुलिस को देखकर डरता है, इस फाइल में ऐसा क्या लिखा है, हम आपको बताएंगे लेकिन उससे पहले आपको बताते हैं 21 मार्च की रात जब ईडी के अधिकारी केजरीवाल के आवास पर पहुंचे तो क्या-क्या हुआ.

ये फाइल लेकर जैसे ही ईडी के अधिकारी केजरीवाल के घर के अंदर गए, वहां लगा सोफा और महंगे परदे देखकर दंग रह गए, बाहर भारी सुरक्षाबलों की तैनाती थी, और अंदर सबसे पहले केजरीवाल का फोन जब्त हुआ उसके बाद काफी देर तक पूछताछ हुई. सौरभ भारद्वाज से लेकर मंत्री आतिशी तक बाहर मीडिया को ये बता रहे थे कि कैसे उनके नेता को परेशान किया जा रहा है, लेकिन असल में ईडी के पास एक ऐसा सबूत है, जिसे देखकर दिल्ली हाईकोर्ट के जज साहब ने भी कह दिया कि हम ईडी को नहीं रोक सकते. ये पूरी कहानी तभी शुरू हुई जब 21 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी से राहत की मांग वाली याचिका खारिज की और ईडी के अधिकारियों ने फाइल तैयार कर कुछ ही घंटे बाद केजरीवाल के घर पर दस्तक दे दिया. तो सवाल है कि आखिर ईडी की फाइल में ऐसा क्या है, जिसके सहारे ईडी केजरीवाल सिसोदिया और संजय सिंह की तरह तिहाड़ में रखना चाहती है. तो इसे समझने के लिए आपको थोड़ा फ्लैशबैक में चलना होगा. केजरीवाल ने सबसे बड़ी गलती अपने आवास पर मीटिंग बुलाकर की थी, अगर उन्होंने ये नहीं किया होता तो आज शायद ईडी 10 बार समन न देती. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मनीष सिसोदिया के तत्कालीन सेक्रेटरी ने ईडी को बताया था कि मार्च 2021 में सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर एक बैठक रखी गई. इस बैठक में उन्हें सिसोदिया द्वारा आबकारी नीति पर दिल्ली सरकार के मंत्रियों की रिपोर्ट का मसौदा सौंपा गया. इस बैठक में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे. बैठक में तय किया गया कि साल के अंत में नई शराब नीति को लागू किया जाएगा.

इस नीति के तहत शराब कारोबार सरकार के हाथ से निकलकर प्राइवेट हाथों में चला गया. दावा किया गया कि इससे सरकार के रेवेन्यु में बढ़ोतरी होगी. पर 6 महीने बाद ही जुलाई 2022 में केजरीवाल के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने इसमें गड़बड़ी की रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपी, अगस्त 2022 में सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया, तब पता चला कि साउथ के शराब काराबारियों को टेंडर देने में नियमों को ताक पर रखा गया. मनमाने तरीके से 144.36 करोड़ रुपये की इनकी फीस माफ कर दी गई, और यहीं से पूरा खेल खुल गया. पहले सिसोदिया फिर संजय सिंह और उसके बाद तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी के. कविता को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. कविता के गिरफ्तार होते ही केजरीवाल ये समझ चुके थे कि किसी भी वक्त हमारे घर की घंटी ईडी बजा सकती है, इसीलिए अपनी लीगल टीम को लगातार कोर्ट दौड़ाने लगे, पर कहते हैं जांच एजेंसियों के हाथ अगर आपके खिलाफ एक भी सबूत हाथ लग गया तो फिर आपका बचना मुश्किल हो जाता है और ईडी ने तो इतने महीने में केजरीवाल के खिलाफ एक नहीं बल्कि कई सबूत इकट्ठे किए हैं. 

जिसमें सबूत नंबर एक में जहां मीटिंग है, तो वहीं सबूत नंबर दो में केजरीवाल का इस केस के आरोपियों से कनेक्शन है, अगर ये कनेक्शन सही साबित हुआ और ये बात कोर्ट में ईडी साबित कर पाई कि जो लेन-देन हुआ है, उसमें केजरीवाल का हाथ है, तो फिर समझिए कि आम आदमी पार्टी की सियासत पर ताला लग जाएगा, क्योंकि केजरीवाल ने अब तक अपनी पार्टी में सेकेंड लाइन तैयार नहीं की है, जिसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ सकता है. क्योंकि जिस अधिकारी ने केजरीवाल की फाइल खोली है, उनका ट्रैक रिकॉर्ड ये बताता है कि वो सिसोदिया और संजय सिंह तक को इसी केस में तिहाड़ जेल पहुंचा चुके हैं और उन्हें जमानत भी नहीं मिलने दी, तो केजरीवाल का क्या होगा, ये आप खुद सोच लीजिए, ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर जोगिंदर के बारे में एक बात मशहूर है कि वो जिस केस की फाइल अपने हाथ में लेते हैं, उसे पूरा किए बिना नहीं छोड़ते. हालांकि आम आदमी पार्टी अभी भी इस एक्शन को राजनीति से प्रेरित बता रही है, ऐसे में आप इस एक्शन को कैसे देखते हैं, कमेंट कर बता सकते हैं।

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