भुवनेश्वर: 15 अगस्त से पहले पुरी में उस समय दहशत फैल गई, जब बुधवार को 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर के पास एक दीवार पर मंदिर पर आतंकी हमले की धमकी देने वाले संदेश लिखे पाए गए. संदेशों में लिखा था, "आतंकवादी जगन्नाथ मंदिर पर हमला करेंगे और उसे नष्ट करेंगे." साथ ही कई फोन नंबर और 'कॉल करें' का निर्देश भी था. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र था, जिसने पुलिस के लिए स्थिति को और गंभीर बना दिया.
हेरिटेज कॉरिडोर में क्षति
स्थानीय लोगों ने तुरंत इन संदेशों को मिटा दिया, लेकिन हेरिटेज कॉरिडोर में कई सजावटी लाइटें क्षतिग्रस्त पाई गईं, जिससे तनाव और बढ़ गया. यह घटना उस क्षेत्र में हुई, जहां कई सीसीटीवी कैमरे और निरंतर पुलिस तैनाती के बावजूद निगरानी में चूक सामने आई. मंदिर के सेवादारों और भक्तों ने इसकी कड़ी आलोचना की. सेवादार श्यामा मोहपात्रा ने कहा, "यह घटना पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था की सतर्कता पर सवाल उठाती है. इतने संवेदनशील क्षेत्र में इस तरह की हरकत चौंकाने वाली है."
स्थानीय भक्त रेणुबाला त्रिपाठी ने कहा कि हाल ही में कुछ अज्ञात लोग मंदिर की बाहरी दीवार चढ़कर अनधिकृत रूप से अंदर घुसे थे, जिनकी पहचान अब तक नहीं हुई. अब यह नया मामला चिंताजनक है. इतनी निगरानी के बावजूद धमकी भरे संदेश लिखे जाना परेशान करने वाला है. पुलिस ने ग्रैफिटी लिखने वालों की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी है.
अधिकारियों को संदेह है कि यह शरारत या मजाक हो सकता है, लेकिन वे इसे गंभीरता से ले रहे हैं. सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है ताकि दोषियों का पता लगाया जा सके. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं. मंदिर और भक्तों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.