नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य का तापमान बढ़ रहा है. इसी बीच लालू यादव द्वारा नीतीश कुमार को आमंत्रित करने के बाद राजद नेता तेज प्रताप यादव ने रविवार को नीतीश के बेटे निशांत कुमार को आमंत्रित किया. दावा किया जा रहा है कि निशांत कुमार नवंबर में होने वाले चुनावों में अपना चुनावी पदार्पण कर सकते हैं. हाल ही में उन्होंने मतदाताओं से अपने पिता को फिर से चुनने का आग्रह किया था.
उन्होंने जोर देकर कहा था कि जेडी(यू) प्रमुख नीतीश कुमार राज्य का नेतृत्व करने के लिए "100 प्रतिशत फिट" हैं. निशांत के संभावित राजनीतिक प्रवेश को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं, हालांकि न तो उन्होंने और न ही उनके पिता ने इस तरह के किसी कदम की पुष्टि की है. यदि वे राजनीति में कदम रखते हैं, तो यह जेडी(यू) के लिए अच्छा होगा ऐसा दावा किया जा रहा है. खासकर तब जब नीतीश कुमार भाजपा सहयोगियों से बढ़ते दबाव का सामना कर रहे हैं.
कई राजनीतिक विशेषज्ञ दावा करते हैं, इन दिनों नीतीश कुमार एक अनिश्चित स्थिति में में हैं, क्योंकि भाजपा के नेता बिहार में अपनी सरकार स्थापित करने के अपने "मिशन" पर खुले तौर पर चर्चा कर रहे हैं. इस बीच, राजद चुनाव से पहले लोकलुभावन वादों के साथ समर्थन जुटा रहा है. तेजस्वी यादव ने महिलाओं और बुजुर्गों के लिए सीधे नकद लाभ, मुफ्त बिजली और पलायन को रोकने के लिए रोजगार सृजन का वादा किया है.
हालांकि, विपक्षी खेमे के भीतर आंतरिक मतभेद अनसुलझे हैं. कांग्रेस सीटों का बड़ा हिस्सा मांग रही है और लालू प्रसाद यादव पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए समर्थन दे रहे हैं. वर्तमान में, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास 138 सीटें हैं, जिसमें भाजपा 84 सीटों पर और जेडीयू 48 पर आगे है. वहीं महागठबंधन के पास 104 सीटें हैं.