पटना: लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव, जो अब जनशक्ति जनता दल के संस्थापक हैं, ने राजनीतिक सफर के एक नए मोड़ पर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे कभी भी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की ओर रुख नहीं करेंगे. भले ही कोई उन्हें वापस बुलाने की कोशिश करे, लेकिन उनका फैसला पक्का है.
एक निजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में तेजप्रताप ने भावुक लहजे में कहा, "RJD में लौटना तो दूर की बात है. हम गीता की कसम खाते हैं, भगवान कृष्ण का स्मरण करते हुए वचन देते हैं कि दोबारा उस पार्टी का दरवाजा नहीं लांघेंगे. भले ही कोई न्योता दे, मैं कदम नहीं रखूंगा."
उन्होंने परिवारिक रिश्तों को भी छुआ और बोले, "मेरे माता-पिता मेरे लिए ईश्वर समान हैं. उनकी तस्वीरें हमेशा हृदय में बसाई रखी हैं. लेकिन राजनीति का अपना मैदान है, और माता-पिता का स्नेह एक अलग स्थान रखता है." याद रहे, कुछ समय पहले तेजप्रताप ने सोशल मीडिया पर अनुष्का नाम की युवती के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक किया था. इस पर RJD प्रमुख लालू यादव ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए सोशल प्लेटफॉर्म पर ही घोषणा की कि वे तेजप्रताप को परिवार और पार्टी दोनों से अलग कर रहे हैं.
पार्टी ने उन्हें छह वर्ष के लिए निष्कासन की सजा सुनाई. उसके बाद से तेजप्रताप लगातार परिवार के अंदरूनी कलह का जिक्र करते हुए 'जयचंद' जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने 'जन शक्ति जनता दल' नाम से अपनी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान बनाई और इसे आधिकारिक रूप से पंजीकृत कराया.
अब नजरें 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों पर हैं, जहां तेजप्रताप इसी नई पार्टी के बैनर तले उतरेंगे. वे न केवल खुद मैदान में होंगे, बल्कि कई विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार भी खड़े करेंगे. अपनी रैलियों में वे छोटे भाई तेजस्वी यादव पर भी व्यंग्यात्मक टिप्पणियां करने से पीछे नहीं हटते. यहां तक कि तेजस्वी के निर्वाचन क्षेत्र महुआ पहुंचकर उन्होंने विरोधी प्रचार भी किया है, जो भाईचारे की इस जंग को और गहरा बनाता जा रहा है.
यह भी पढ़ें: अगले सप्ताह बिहार जा सकते हैं मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, 5 से 15 नवंबर के बीच हो सकते हैं चुनाव