भारतीय क्रिकेट टीम का नायाब सितारा बनकर उभरा वरुण, लेकिन इस बात का रह गया मलाल

Abhishek Shandilya 10 Mar 2025 09:25: PM 5 Mins
भारतीय क्रिकेट टीम का नायाब सितारा बनकर उभरा वरुण, लेकिन इस बात का रह गया मलाल

Rohit Sharma Virat Kohli: जीत के बाद रोहित शर्मा और विराट कोहली ने स्टंप से डांडिया खेला तो दोनों को हंसता देख पूरा देश झूम गया. दोनों अपने हाथों में स्टंप उठाया था और ऊपर हवा में तिरंगा लहरा रहा था. ये कोई एक खिलाड़ी की बदौलतल थोड़ी होता है, भाई टीम क्या खेली है, कोई भी किसी की आलोचना नहीं कर पा रहा है! 11 खिलाड़ियों की टीम गंभीर ने बनाई लेकिन हर इंसान में दो खिलाड़ियों की ताकत थी. और ऐसा करिश्मा हुआ कि पूरी दुनिया देखती रह गई! लेकिन गौतम गंभीर ने एक ब्रह्मास्त्र ऐसा चलाया कि विरोधी देश पस्त हो गए!

वो खिलाड़ी जो भारत की जीत का गाथा लिखता है, जिसको रोहित और विराट कोहली ने संभाला तो उसने वो कर दिया जो भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ था...नाम है वरूण चक्रवर्ती, कुला की तरह टीम इंडिया को कुलचक्र की जोड़ी मिल गई है! कुलदीप के साथ वरूण चक्रवर्ती ने वो कमाल किया जो कभी कुंबले और हरभजन की जोड़ी करती थी, या कुलदीप और चहल की जोड़ी करती थी.

वरूण चक्रवर्ती कौन हैं पहले थोड़ा देखिए इतिहास क्या है? फिर आपको बताते है इनको अंदर लाने की प्लानिंग किसकी थी? एक 33 साल के खिलाड़ी की इंडियन वनडे टीम में बड़ी ही नाटकीय तरीके से एंट्री होती है और जब वो मैदान पर उतरता है तो चारों तरफ अकेला वही दिखाई देता है. वरुण चक्रवर्ती ने हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय वनडे टीम में डेब्यू किया. इस सीरीज में वरुण ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसकी वजह से उन्हें एन मौके पर चैंपियंस ट्रॉफी के लिए चुनी गई टीम में शामिल किया जाता है. लेकिन पहले पहले दो मुकाबलों में वरुण को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया जाता. लेकिन तीसरे मुकाबले में न्यूजैलैंड के खिलाफ वरुण को मौका मिलता है. और पहले ही मुकाबले में वो 5 विकेट लेकर छा जाते हैं.

इस मैच में वरुण 10 ओवर में मात्र 42 रन देकर 5 विकेट लेते हैं. सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी 49 रन देकर दो विकेट लेते हैं. साथ ही रनों पर भी अंकुश लगा कर रखते हैं और जब फाइनल मुकाबला खेला जाता है तो वरुण यहां भी तेजी के साथ रन बना रही न्यूजीलैंड टीम को आते ही झटका देते हैं. इस मुकाबले में भी वरुण 10 ओवर फेंकने के बाद 45 रन देकर दो विकेट हासिल कर लेते हैं, लेकिन ये सफर इतना आसान नहीं था.

इस मुकाम तक पहुंचने के लिए वरुण को मेहनत की कई इबारत लिखनी पड़ी हैं. क्योंकि सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि जब वरुण इतने शानदार प्लेयर हैं तो फिर भारतीय टीम में पहुंचने में उन्हें इतना समय कैसे लगा. इसके लिए आपको वरुण की पूरी कहानी जाननी पड़ेगी. दरअसल, वरुण चक्रवर्ती का जन्म 29 अगस्त 1991 को कर्नाटक में हुआ था. कर्नाटक के बीदर में ज्न्में वरुण ने 13 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था.

क्रिकेट के साथ-साथ वरुण पढ़ाई भी कर रहे थे. इन्होंने चेन्नई के केंद्रीय विद्यालय सीएलआरआई और सेंट पैट्रिक एंग्लो इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल पढ़ाई की. शुरू में क्रिकेट के शौकीन वरुण चक्रवर्ती ने 17 साल की उम्र होने तक मैच से दूर हो गए. और आर्किटैक्ट बनने का सपना देखने लगे. इसी सपने के लिए वरुण ने एसआरएम यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु से आर्किटेक्चर में डिग्री भी ली. वरुण आर्किटेक्ट के तौर पर करियर तो बना रहे थे. लेकिन इनके अंदर का क्रिकेट अभी खत्म नहीं हुआ था. और फिर 9 साल बाद 26 साल की उम्र में वरुण ने फिर से क्रिकेट खेलना शुरू किया.

2015 में दोबारा से क्रिकेट में लौटने वाले वरुण की दूसरी पारी आसान नहीं रहने वाली थी. वो क्रॉम्बेस्ट क्रिकेट क्लब में मीडियम पेसर के रूप में अपनी दूसरी पारी शुरू करते हैं, लेकिन फिर घुटने की चोट खेल से दूर कर देता है. एक बार फिर कुछ दिनों के लिए वरुण को क्रिकेट से दूर होना पड़ जाता है. लेकिन वो हार नहीं मानते, मीडियम पेसर का सपना छोड़ स्पिन गेंदबाजी में हाथ आजमाते हैं. फिर आता है साल 2018 जो वरुण के लिए निर्णायक साबित होता है. 2018 में वरुण तमिलनाडु प्रीमियर लीग में मदुरै पैंथर्स के लिए खेलते हैं.

इस टूर्नामेंट में सभी लोग वरुण की मिस्ट्री स्पिन से प्रभावित हो जाते हैं. वरुण की मेहनत रंग लाती है, 2018-19 विजय हजारे ट्रॉफी के लिए उन्हें तमिलनाडु के लिए लिस्ट ए क्रिकेट में पदार्पण का मौका मिलता है. इस टूर्नामेंट में 9 मैच में 22 विकेट लेकर वरुण सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी बन जाते हैं. विजय हजारे ट्रॉफी के बाद वरुण के सपनों को पंख लग चुके थे, वो अपना सपना पूरा करने के आधे रास्ते को तय कर चुके थे.

अब इंतजार था तो बस भारतीय टीम में एंट्री मिलने का. और वरुण अच्छी तरह जानते थे कि भारतीय टीम में जल्दी जगह बनाने का सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म आईपीएल है. इसीलिए वो 2019 आईपीएल की बोली में शामिल होते हैं. 2019 में वरुण चक्रवर्ती के ऊपर किंग्स इलेवन पंजाब की टीम दांव खेलती है, लेकिन इस साल वरुण को कोई खास सफलता नहीं मिलती, फिर 2020 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने वरुण को अपनी टीम में शामिल किया. इस साल वरुण 17 विकेट लेकर सभी दिग्गजों को चौंका देते हैं.

आईपीएल में शानदार प्रदर्शन का इनाम भी वरुण को मिलता है. उन्हें भारतीय टी-20 टीम में एंट्री मिल जाती है, लेकिन यहां भी शुरुआत कुछ खास नहीं रही. इसी वजह से टीम से अंदर-बाहर का दौर चलता है. लेकिन 2024 के टी-20 वर्ल्ड कप में वरुण शानदार गैंदबाजी करते हैं. उसके बाद कुछ और टूर्नामेंट्स में वरुण को टीम मैनेजमेंट मौका देता है और इस कसौटी में वो खरे उतरते हैं. आखिरकार इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज के साथ-साथ वरुण को वनडे में भी मौका मिल ही जाता है और उनका शानदार खेल सभी ने चैंपियंस ट्रॉफी में देखा. ICC टूर्नामेंट में एक मैच के बाद खुद वरुण चक्रवर्ती ने बताया था कि मैंने क्रिकेट बहुत देर से शुरू किया, बहुत देर से. जब मैं 26 साल का था, तब मैंने क्रिकेट मैदान पर वापसी की.

उससे पहले, उनके सपने आर्किटेक्ट बनने और फिल्में बनाने के थे. हालांकि अभी तो ये वरुण के करियर की शुरुआत है. और वैसे स्पिनर्स के खेल पर उम्र का इतना ज्यादा प्रभाव नहीं रहता है और यहां एक बात ये भी साफ है कि अगर वरुण का खेल इसी तरह निखरता रहा तो हो सकता है कि 2027 में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप में भी हम इन्हें भारतीय टीम का हीरो बनेत देखें.

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