टी20 क्रिकेट को आमतौर पर बल्लेबाजों का खेल माना जाता है, लेकिन समय-समय पर गेंदबाजों ने भी इस फॉर्मेट में अपनी छाप छोड़ी है. हाल ही में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में एक अनोखी घटना घटी, जिसने टी20 क्रिकेट के इतिहास में नया अध्याय जोड़ा.
शुक्रवार, 29 नवंबर को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में दिल्ली और मणिपुर के बीच हुए मैच में दिल्ली की टीम के सभी 11 खिलाड़ियों ने गेंदबाजी की. यह टी20 क्रिकेट के इतिहास में पहली बार हुआ जब किसी टीम के हर खिलाड़ी ने गेंदबाजी में हाथ आजमाया.
दिल्ली के कप्तान आयुष बदोनी ने इस मैच में एक अनोखी रणनीति अपनाई. बतौर विकेटकीपर खेल रहे बदोनी ने खुद भी गेंदबाजी की और एक विकेट हासिल किया. इस अनूठी रणनीति ने दिल्ली को चार विकेट से जीत दिलाने में मदद की.
दिल्ली की टीम ने पहले गेंदबाजी करते हुए मणिपुर को 20 ओवर में आठ विकेट पर सिर्फ 120 रनों पर रोक दिया. टीम के 11 गेंदबाजों में से चार ने विकेट चटकाए. कप्तान बदोनी ने भी अपनी गेंदबाजी से योगदान दिया. मणिपुर की टीम को दिल्ली के गेंदबाजों ने कोई बड़ा स्कोर खड़ा करने का मौका नहीं दिया.
120 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दिल्ली की शुरुआत धीमी रही, लेकिन सलामी बल्लेबाज यश ढुल ने एक छोर संभालकर नाबाद 59 रन (51 गेंदों) की पारी खेली. उन्होंने संयम से बल्लेबाजी करते हुए अपनी टीम को जीत दिलाई. दिल्ली ने 18.3 ओवर में छह विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया. कप्तान आयुष बदोनी ने भी 9 गेंदों में 13 रन बनाए.
टी20 क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी टीम के सभी 11 खिलाड़ियों ने गेंदबाजी की हो. यह दिल्ली की टीम और उनके कप्तान आयुष बदोनी के लिए गर्व का क्षण है. इस मैच ने टी20 क्रिकेट में नई रणनीतियों और प्रयोगों के लिए एक प्रेरणा दी है.
यह ऐतिहासिक जीत दिल्ली की टीम के लिए यादगार रहेगी और क्रिकेट प्रशंसकों के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है.