नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में गुरुवार को एक सैनिक शहीद हो गए, जब सुरक्षा बलों की आतंकवादियों के साथ गोलीबारी हुई. यह घटना उस समय हुई, जब सुरक्षा बलों को आतंकवादियों के छिपे होने की पक्की जानकारी मिली थी. सेना के व्हाइट नाइट कोर के अनुसार, इस गोलीबारी में 6 पैराशूट रेजिमेंट (स्पेशल फोर्सेस) के सैनिक झंटू अली शेख गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता दी गई, लेकिन गंभीर चोटों के कारण उनकी मृत्यु हो गई. सेना ने बताया कि यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर चलाया गया था. ऑपरेशन अभी भी जारी है, और आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चल रहा है.
इस घटना से दो दिन पहले, पहलगाम में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इस हमले के लिए जिम्मेदार तीन संदिग्ध आतंकवादियों - आसिफ फुजी, सुलेमान शाह और अबू ताल्हा - के स्केच जारी किए हैं. इस हमले में पांच से छह आतंकवादी शामिल थे, जो जंगल से निकलकर बाइसारन घास के मैदान में आए और वहां मौजूद पर्यटकों पर अपनी AK-47 राइफलों से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. इस हमले के बाद से ही आतंकवादियों की तलाश के लिए एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इन आतंकवादियों के बारे में सटीक जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की है.
पहलगाम हमले के ठीक एक दिन बाद, कश्मीर के बारामुल्ला में सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया, जो घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे. इस ऑपरेशन में भारी गोलीबारी हुई, जिसमें दोनों आतंकवादी मारे गए. सेना की चिनार कोर, जो कश्मीर घाटी में ऑपरेशन संभालती है, ने बताया कि इस ऑपरेशन में आतंकवादियों के पास से बड़ी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और अन्य युद्ध सामग्री बरामद की गई. इस ऑपरेशन को एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया गया.
जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकी गतिविधियां बढ़ी हैं, जिसके कारण सुरक्षा बलों को और सतर्क रहना पड़ रहा है. उधमपुर और पहलगाम जैसे इलाकों में आतंकवादी अक्सर जंगलों और पहाड़ी क्षेत्रों का इस्तेमाल छिपने के लिए करते हैं. सुरक्षा बल इन आतंकवादियों को पकड़ने के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं. स्थानीय पुलिस और सेना के बीच तालमेल के कारण कई बार आतंकवादियों की योजनाओं को नाकाम किया जा चुका है.
इस तरह की घटनाएं न केवल सुरक्षा बलों के लिए चुनौती हैं, बल्कि आम लोगों और पर्यटकों के लिए भी खतरा पैदा करती हैं. पहलगाम जैसे पर्यटक स्थल, जो अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं, अब आतंकी हमलों के कारण चर्चा में हैं. सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इन क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने और आतंकवादियों को पकड़ने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं. लोगों से भी अपील की गई है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.