कोलकाता : नेपाल में इन दिनों राजनीतिक संकट और हिंसक विद्रोह ने हालात को अस्थिर कर दिया है. उसकी गूंज 200 किलोमीटर दूर कोलकाता तक सुनाई दे रही है. एशिया के सबसे बड़े रेड-लाइट एरिया सोनागाछी में रहने वाली नेपाली मूल की सेक्सवर्कर देश में बवाल के बाद परेशान है. वे न तो अपने परिवारों से संपर्क कर पा रही हैं और न ही अपने घर पैसे भेज पा रही हैं. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को मंगलवार को छात्रों के नेतृत्व में भड़के उग्र प्रदर्शनों के दबाव में इस्तीफा देना पड़ गया. सोशल मीडिया पर प्रतिबंध से निकली आग ने नेपाल को हिंसा की आग में धकेल दिया.
राजधानी काठमांडू से लेकर छोटे शहरों तक सड़कों पर उपद्रव मच गया. प्रदर्शनकारियों ने नेताओं के घरों में आग लगा दी, पार्टी दफ्तरों पर हमला किया और संसद तक में तोड़फोड़ की. नेपाल में हालात बिगड़ने का सीधा असर कोलकाता के रेड-लाइट एरिया सोनागाछी पर पड़ा है. सोनागाछी सहित कालीघाट, हावड़ा और हुगली के वेश्यालयों में रहने वाली नेपाली महिलाओं का बड़ा वर्ग इस समय भारी संकट में है. नेपाल के हवाई अड्डे बंद है. देश की सभी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं सील कर दी गई हैं. संचार नेटवर्क ठप है. ऐसे में वहां मौजूद परिवारों से बातचीत कर पाना लगभग असंभव हो गया है.
तीन दिन से नहीं हुई बात
पूर्वी नेपाल की निवासी और दशक से सोनागाछी में रह रही एक महिला ने कहा कि तीन दिन हो गए, मैंने अपनी मां से बात नहीं की है. जब भी फोन करने की कोशिश करती हूं तो नेटवर्क डाउन बताता है. मुझे तो यह भी नहीं पता कि वह सुरक्षित हैं भी या नहीं. एक अन्य महिला ने भावुक होकर बोली कि मैं हर महीने अपने दो बेटों को पैसे भेजती हूं, जो पोखरा के पास रिश्तेदारों के साथ रहते हैं. इस बार नहीं पता कि पैसे उनतक पहुंचा भी पाऊंगी या नहीं. अगर रकम नहीं गई तो मेरे बच्चों का खाना-पानी कैसे चलेगा.
जुड़ी हुई है 200 महिलाएं
सोनागाछी की ही एक और नेपाली महिला ने कहा कि अगर घर जाना चाहें तो भी कोई रास्ता नहीं है. सीमा पूरी तरह बंद है और उड़ानें भी रद्द हैं. हम यहां फंसे हैं और परिवार वहां पर फंसा हुआ है. हम भी पूरी तरह बेबस हैं. सोनागाछी और आसपास के रेड-लाइट इलाकों में नेपाली मूल की महिलाओं की मौजूदगी कोई नई बात नहीं है. अनुमान के अनुसार केवल सोनागाछी में ही करीब 200 नेपाली महिलाएं देह व्यापार से जुड़ी हैं.