नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को रतलाम जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान सैलाना क्षेत्र में किसानों से बातचीत के बीच भारी भीड़ जुटने पर जिला पुलिस अधीक्षक अमित कुमार पर उनका गुस्सा फूट पड़ा. सीएम ने सख्त लहजे में कहा, "एसपी साहब, अगर भीड़ संभालना नहीं आ रहा तो छोड़ दें... क्या मैं ही संभाल लूं? यहां आपका रहना ही क्या फायदा?"
इस फटकार से मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी स्तब्ध रह गए और तुरंत भीड़ हटाने में जुट गए. दरअसल, हाल ही में मध्य प्रदेश में हुई भारी बारिश ने कई जिलों को बर्बाद कर दिया था. रतलाम में नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे खेतों के साथ-साथ मंदिर, रेलवे प्लेटफॉर्म और आवासीय कॉलोनियां पानी में डूब गईं. जनता कॉलोनी, पीएंडटी कॉलोनी तथा जवाहर नगर जैसे इलाकों में जलभराव से घरों का सामान खराब हो गया, जबकि पलसोड़ा गांव पूरी तरह डूब गया. इसी क्रम में सीएम यादव बर्बाद फसलों का जायजा लेने किसानों के बीच पहुंचे थे.
खेतों में उतरकर उन्होंने प्रभावित अन्नदाताओं की व्यथा सुनी और आश्वासन दिया कि सरकार हर कदम पर उनके साथ है. निरीक्षण के दौरान एक गरीब किसान ने धोखाधड़ी की शिकायत की, तो सीएम ने फौरन एक्शन लेने का आदेश दिया. उन्होंने एसपी को निर्देशित किया कि आरोपी के खिलाफ धारा 420 के तहत तत्काल एफआईआर दर्ज हो. साथ ही, अधिकारियों को हिदायत दी कि किसानों की हर समस्या को गंभीरता से नोट किया जाए और उसके समाधान में कोई ढिलाई न बरती जाए.
सीएम ने जोर देकर कहा कि बाढ़ जैसी आपदा की इस घड़ी में किसानों का दर्द सरकार का दर्द है. उन्होंने हाल के दिनों में अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों के लिए राहत राशि जारी करने की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए. मध्य प्रदेश सरकार पहले ही आपदा प्रभावितों को करोड़ों रुपये की सहायता पहुंचा चुकी है, और सीएम ने दोहराया कि अन्नदाता की एक मुस्कान ही प्रदेश की असली शक्ति है. इस घटना ने न केवल प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल खड़े किए, बल्कि सीएम की किसान हितैषी छवि को और मजबूत किया.