इम्फाल: मणिपुर में जातीय हिंसा की आग अभी भी सुलग रही है, और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लंबे इंतजार के बाद होने वाले पहले दौरे से पहले ही तनाव ने नया रूप ले लिया है. 2023 के मई महीने से चली आ रही मेइतेई-कुकी संघर्ष के बीच गुरुवार रात (11 सितंबर) को चुराचांदपुर जिले के पीयरसनमुन इलाके में कुछ असमाजिक तत्वों ने पीएम के स्वागत के लिए लगाई गई सजावट को निशाना बनाया.
लाठियां थामे उग्र भीड़ ने हेलीपैड के आसपास बैनर और सजावटी संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया, कुछ को आग के हवाले कर दिया. इससे पुलिस के साथ झड़प हो गई, जिसमें लाठीचार्ज तक करना पड़ा. यह घटना तब घटी जब पीएम मोदी 13 सितंबर को राज्य पहुंचने वाले हैं. यह उनका 2023 की हिंसा के बाद मणिपुर का पहला दौरा होगा, जिसमें 260 से अधिक लोगों की जान गई और 59,000 से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं.
चुराचांदपुर, जो कुकी-जो बहुल इलाका है, वहां पीएम का हेलीकॉप्टर पीस ग्राउंड के निकट उतरेगा. घटना स्थल हेलीपैड से महज दो किलोमीटर दूर है, जहां से पीएम को करीब पांच किलोमीटर की सड़क यात्रा करनी है. वायरल वीडियो में दिखा कि भीड़ ने रंग-बिरंगे झंडे और पोस्टर फाड़े, आग लगाई, और पुलिसकर्मियों पर हमला बोला. एक वीडियो में एक पुलिसकर्मी को चुपचाप खड़े देखा गया, जबकि उपद्रवी सजावट उखाड़ रहे थे.
सुरक्षा एजेंसियों के एक अधिकारी ने बताया कि रात भर की मशक्कत के बाद हालात पर काबू पा लिया गया. नुकसान मामूली बताया जा रहा है, लेकिन यह घटना पूरे जिले में तैनात हजारों सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद हुई. पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और असम राइफल्स की भारी फौज के साथ मणिपुर पुलिस प्रमुख भी सुबह ही चुराचांदपुर पहुंच चुके थे. दौरे के दिन करीब 10,000 जवान तैनात रहेंगे.
पीएम चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड से विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, जिनकी कीमत 7,300 करोड़ रुपए है. इसके बाद वे इम्फाल के कंगला किले में एक सभा को संबोधित करेंगे और 1,200 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. कुल मिलाकर 8,500 करोड़ के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास होगा.दूसरी ओर, स्थानीय संगठनों में पीएम के दौरे को लेकर मतभेद गहरा गया है.
कुकी इंपि मणिपुर और इम्फाल हमार विस्थापित समिति जैसे कुकी-जो ग्रुपों ने दौरे का स्वागत तो किया, लेकिन आधिकारिक कार्यक्रम में डांस शो का विरोध किया. एक बयान में कहा गया, "हमारा शोक अभी समाप्त नहीं हुआ, आंसू सूखे नहीं हैं, घाव भर नहीं गए. हम आनंद से नाच नहीं सकते."
कुछ ग्रुप शोक के प्रतीक के रूप में काले कपड़े पहनने की मांग कर रहे हैं, जबकि छात्र संगठनों ने कार्यक्रम स्थल के बाहर खाली ताबूत रख दिए हैं. प्रशासन इन संगठनों को मनाने में जुटा है और इन्हें हटाने की कोशिश कर रहा है.यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है, जहां लोग हिंसा की निंदा कर रहे हैं और पीएम के दौरे की सुरक्षा पर सवाल उठा रहे हैं. विपक्ष ने भी इसे राज्य सरकार की नाकामी बताया है.