नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट को शुक्रवार को एक ईमेल धमकी मिलने के बाद पूरे परिसर को खाली करा लिया गया. ईमेल में जज चैंबर में दोपहर की इस्लामिक नमाज के तुरंत बाद धमाके की चेतावनी दी गई थी, जिसके बाद तुरंत सुरक्षा कदम उठाए गए. इसमें बम डिटेक्शन और डिस्पोजल स्क्वायड को तैनात किया गया. ईमेल चेतावनी, जो कनिमोझी थेविडिया नाम के आईडी से भेजी गई लगती है. इमेल में कई व्यक्तियों और संगठनों का नाम लिया गया और हाईकोर्ट में "दोपहर की इस्लामिक नमाज के बाद" विस्फोटकों को फोड़ने की कथित साजिश बताई गई.
#WATCH | Delhi | Delhi High Court receives a bomb threat via mail. Precautionary measures taken by the Delhi police and the court has been vacated. https://t.co/7mQhpAsLsU pic.twitter.com/IYOFFbna4n
— ANI (@ANI) September 12, 2025
संदेश में एक अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति, कोयंबटूर में पाकिस्तान के आईएसआई सेल्स और "1998 के धमाकों को दोहराने" की योजना के बीच कथित लिंक का दावा किया गया. इसमें जज चैंबर में तत्काल विस्फोटक उपकरण का स्पष्ट जिक्र था. ईमेल में आगे राजनीतिक उत्तराधिकारियों को निशाना बनाने की व्यापक साजिश का आरोप लगाया गया और प्रमुख व्यक्तियों पर हिंसक हमलों का सुझाव दिया गया.
इसमें कहा गया कि "उदयनिधि स्टालिन के बेटे को एसिड से जलाया जाएगा. "इसमें अन्य व्यक्तियों के नाम भी लिए गए, जिन्हें राजनीतिक तख्तापलट का नेतृत्व करना चाहिए, और कथित आईईडी लोकेशन्स व डिफ्यूजिंग कोड्स के लिए एक नामित व्यक्ति से संपर्क करने का निर्देश दिया गया. ईमेल के लेखक ने कथित हिंसा को राजनीतिक नेतृत्व को नया आकार देने के अभियान का हिस्सा बताया.
इसमें "छद्म-धर्मनिरपेक्षवादियों" पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया और कहा गया कि दिल्ली हाईकोर्ट में धमाका "पिछली धोखेबाजियों के संदेह को दूर कर देगा."संदेश में पूरे समय भड़काऊ और साजिशपूर्ण भाषा का इस्तेमाल किया गया. इसमें पुलिस के अंदर "बोए गए" संपत्तियों का आरोप लगाया गया और योजना को "इस पवित्र शुक्रवार" के लिए समयबद्ध बताया गया.