नई दिल्ली: जिस उम्र में लड़के मोबाइल में गेम खेलते हैं, उस उम्र में बिहार के समस्तीपुर के वैभव अपना जलवा दिखा रहे थे, समूचा हिंदुस्तान सबसे कम उम्र के इस बाएं हाथ के बल्लेबाज का हुनर देख हैरान और गदगद दोनों था. जो खिलाड़ी 14-15 करोड़ में बिके थे, वो भी 14 साल के इस लड़के का खेल देख दंग थे, लखनऊ के खिलाफ मैच में पिच पर उतरते ही पहली गेंद पर छक्का जड़ा तो पूरे स्टेडियम का माहौल बदल गया, जो कह रहे थे राजस्थान ने इस बार 1 करोड़ 10 लाख रुपये एक बच्चे पर लगाए हैं, दांव फीका पड़ सकता है, वो ताली बजाने लगे, लेकिन ये तो सिर्फ ट्रेलर था, असली खेल शुरू हुआ इसके बाद, ऋषभ पंत की कप्तानी वाली टीम का कोई भी गेंदबाज आता, वैभव उस पर कहर बनकर टूट पड़ते, 20 गेंदों में 2 चौके और 3 छक्के की मदद से 34 रन बनाकर वैभव ने बता दिया उम्र तो सिर्फ एक नंबर है, जिसके बाद हर कोई ये जानने की कोशिश करने लगा कि आखिर ये टीम इंडिया का नया सूर्य कौन है, जिसे सूर्यकुमार यादव भी सलाम करेंगे. और टीम इंडिया में इस खिलाड़ी की एंट्री के दरवाजे भी जल्दी खुलेंगे.
कौन हैं वैभव सूर्यवंशी
गेंदबाज चाहे कोई भी हो, उसकी गेंद को सीमा रेखा के बाहर कैसे पहुंचाना है, डिफेंसिव मोड में कैसे खेलना है, ये सब वैभव ने कम उम्र में ही इतनी शानदार तरीके से समझा कि विनू माकंड़ ट्रॉफी में 400 रन बनाकर बड़ा रिकॉर्ड खड़ा कर दिया, अब रणजी वालों की नजर फिर से वैभव पर पड़ी तो सिर्फ 12 साल और 284 दिन की उम्र में वैभव को रणजी खेलने का मौका दे दिया, इस उम्र में प्रथम श्रेणी के क्रिकेट खेलने वाले वैभव पहले खिलाड़ी हैं.
अंडर 19 बी टीम में 62 गेंद पर 104 रनों की शानदार पारी खेलकर अपना झंडा फिर से बुलंद किया, और विजय हजारे ट्रॉफी में जैसे ही बड़ी पारी खेली, वैभव पर आईपीएल के दिग्गजों की नजर पड़ गई, राजस्थान ने इस खिलाड़ी को 1 करोड़ 10 लाख रुपये देकर तुरंत खरीद लिया, जिसके बाद कई लोग ये सोच रहे थे कि पता नहीं मौका मिलेगा या नहीं, लेकिन रियान पराग ने अपनी कप्तानी में एक युवा खिलाड़ी को मौका देकर साबित कर दिया ये टीम टैलेंट की कद्र करती है, उम्र की परवाह नहीं करती. इस युवा खिलाड़ी के लिए एक शाबाशी तो बनती है.