लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश हुआ. बिल पेश होते ही विपक्ष बिफर गया... कहने लगा धार्मिक आस्था पर हमला कर बिल को साजिश के तहत लाया गया. बिल को लोकतंत्र का खिलाफ बताया गया. सपा प्रमुख आखिलेश यादव ने बिल पर सवाल उठाए और कहा कि बीजेपी तुष्टिकरण की कोशिश कर रही है. अखिलेश यादव यहीं नहीं रूके उन्होंने स्पीकर से भी कहा की सुना है आपके भी कुछ अधिकार छीने जा रहे हैं, जिसे सुनते ही गृहमंत्री अमित शाह भड़क गए.
अखिलेश यादव की बात का जवाब देते हुए अमित शाह अपनी सीट से खड़े होकर अखिलेश यादव से गोलमोल बातें ना करने की बात कही और कहा की आप अध्यक्ष के अधिकार के संरक्षक नहीं हो. इस बीच दोनों नेताओं के बीत तीखी बहस भी देखने को मिली.
समाजवादी पार्टी की ये भी मांग रही कि केंद्र सरकार लिखकर गारंटी दे कि वक्फ बोर्ड की जमीनें बेची नहीं जाएंगी, क्योंकि वक्फ बोर्ड का ये सब संशोधन भी बस एक बहाना है. रक्षा, रेल, नज़ूल लैंड की तरह ज़मीन बेचना निशाना है. वक्फ बोर्ड की जमीनें, डिफ़ेंस लैंड, रेल लैंड, नज़ूल लैंड के बाद भाजपाइयों के लाभार्थ योजना की शृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं.
बता दें कि संसद के मॉनसून सत्र में मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड ऐक्ट में बदलाव के लिए संशोधन विधेयक लोकसभा में कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने पेश किया. इस बिल को लेकर हंगामा भी देखने को मिला. सरकार ने कहा कि बिल वक्फ की संपत्तियों की देखरेख के लिए ला रहे हैं, लेकिन विपक्ष इसका विरोध कर रहा है. विपक्ष ने बिल को संसद की स्थायी समिति के पास भेजने की अपील भी की. सपा के साथ ही तृणमूल कांग्रेस और नैशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद भी विरोध करते नजर आए.