• गोरखपुर के बाहुबली के बेटे के बाद अब बहू भी जाएंगी जेल, ईडी ने दाखिल की चार्जशीट, हुआ बड़ा खुलासा
• 5 दिन की रिमांड, ईडी ने कई सबूत दिखाए, फिर क्या बोले विनय शंकर तिवारी, खुलासा सुन चौंक जाएंगे!
• मठाधीश को हाता नहीं भाता के क्यों लगे पोस्टर? अखिलेश बन रहे ब्राह्मणों की हितैषी, क्या मिलेगा फायदा?
नई दिल्ली: जो हरिशंकर तिवारी, अपने जीते जी समर्थकों को भी जेल जाने से बचाने के लिए खूब पैरवी करते थे, आज उन्हीं हरिशंकर तिवारी के बेटे विनयशंकर तिवारी 6 अप्रैल से ईडी की कस्टडी में हैं, अब उन्हें जेल भेज दिया गया है. 5 दिनों की रिमांड में ईडी ने उनसे अपने तरीके से खूब पूछताछ की है, और उसमें कई ऐसे खुलासे हुए हैं, जिसने सबको हिलाकर रख दिया है, पर वो बताएं उससे पहले सुनिए विनय शंकर तिवारी की पत्नी की गिरफ्तारी की चर्चा अब क्यों होने लगी है?
750 करोड़ के लोन फ्रॉड केस में 11 अप्रैल को ईडी ने चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें गंगोत्री इंटरप्राइजेज के जनरल मैनेजर अजीत पांडेय, और विनयशंकर तिवारी के अलावा उनकी पत्नी रीता तिवारी को भी आरोपी बनाया गया है. रीता तिवारी इस कंपनी की प्रमोटर हैं, जो सड़क निर्माण, टोल प्लाजा और दूसरे सरकारी टेंडर का काम करती है.
ऐसे में रीता तिवारी की गिरफ्तारी भी आने वाले दिनों में हो सकती है, ईडी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि विनय शंकर तिवारी को अधिकारियों ने कई ऐसे सबूत दिखाए, जो उनकी बेनामी प्रॉपर्टी से जुड़े थे, पर उन्हें देखकर इन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया, ईडी जिन सवालों का जवाब लेना चाह रही थी, उन सारे सवालों का जवाब उन्हें नहीं मिले, कुछ ऐसे खुलासे ईडी के हाथ लगे हैं, जिसकी गहन पूछताछ के लिए वो विनय शंकर तिवारी को दोबारा रिमांड पर लेने की याचिका अदालत में लगा सकती है, हालांकि एक तरफ ईडी की कार्रवाई है तो दूसरी तरफ इस पर सियासत भी शुरू हो चुकी है.
पहले विनय शंकर तिवारी के भाई ने इसे बदले की कार्रवाई बताया तो वहीं गिरफ्तारी के अगले ही दिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय गोरखपुर के हाता यानि तिवारी आवास पहुंचे, जहां हरिशंकर तिवारी की तस्वीर पर माल्यार्पण किया और कहा दुराग्रह की भावना से काम हो रहा है. इधर लखनऊ में सपा मुख्यालय के बाहर एक पोस्टर भी लगा है, जिसमें लिखा है ''मठाधीश को हाता नहीं भाता, ब्राह्मणों को सरकार बदलना नहीं आता''
पोस्टर में महाराजगंज जिले की फरेंदा विधानसभा से जुड़े अमित चौबे का नाम लिखा है, साथ में विनय शंकर तिवारी और अखिलेश यादव की तस्वीर लगी है. जो ये बताता है सपा की नजर ब्राह्मण वोटबैंक पर है, खुद विनय शंकर तिवारी भी सपा नेता हैं, इसलिए अखिलेश इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाना चाहेंगे, गोरखपुर में ब्राह्मण बनाम ठाकुर की सियासत लंबे वक्त से चर्चा में रही है, लेकिन सवाल है क्या अखिलेश यादव या कांग्रेस को इसका कोई फायदा मिल पाएगा.