कौन है वो वकील जिसने सीजेआई पर फेंका जूता, किसे जा लगा?

Abhishek Chaturvedi 06 Oct 2025 06:29: PM 2 Mins
कौन है वो वकील जिसने सीजेआई पर फेंका जूता, किसे जा लगा?

नई दिल्ली: दो दिन की छुट्टी के बाद सोमवार को जैसे ही अदालत खुली, सीजेआई बीआर गवई की बेंच एक अहम मामले की सुनवाई के लिए बैठी थी, कोर्टरूम में सबकुछ सामान्य था, तभी बाहर से करीब 71 साल का एक वकील नीचे झुकता है, अपना जूता निकालता है और उसे सीजेआई की ओर फेंक देता है, हालांकि सीजेआई तक वो जूता वहां नहीं पहुंचता, लेकिन एक और जज साहब जो वहां मौजूद थे, उन्हें छू जाता है. ऐसा दावा इंडिया टूडे ने अपनी रिपोर्ट में किया है, वो वहां मौजूद लोगों के हवाले से लिखता है.

फेंका गया जूता जस्टिस चंद्रन को बाल-बाल छू गया. आरोपी वकील किशोर ने बाद में माना कि यह चीफ जस्टिस के लिए था, और जस्टिस चंद्रन से माफी मांगी. हालांकि शुरुआत में ये भी दावा किया गया कि ये कागज का रोल था, जिसे सीजेआई की ओर उछाला गया था, लेकिन बाद में जूते वाली थ्योरी सामने आई. इस घटना के तुरंत बाद सुरक्षाकर्मियों ने उस वकील को पकड़ा तो वो बाहर निकलते हुए सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान के नारे लगाने लगा.

जांच में पता चला वो दिल्ली के मयूर विहार का रहने वाला है, इस घटना के बाद सीजेआई ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि इस सब से विचलित न हों. ये चीजें मुझे प्रभावित नहीं करतीं. सुनवाई जारी रखें.चीफ जस्टिस ने बाद में कोर्ट के अधिकारियों, सेक्रेटरी जनरल और सिक्योरिटी स्टाफ से मुलाकात की, घटना की समीक्षा की और प्रोटोकॉल पर विचार किया.

उधर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी इस घटना की निंदा की, पूर्व कार्यवाहक सचिव रोहित पांडे ने कहा अगर ये घटना सच है तो कार्रवाई होनी चाहिए. ये 2011 से बार एसोसिएशन के सदस्य हैं. हालांकि कार्रवाई के नाम पर वकील को फिलहाल शो कॉज नोटिस जारी किया गया है, और वकालत की प्रैक्टिस करने से सस्पेंड कर दिया गया है. ख़बर ये भी है कि सीजेआई गवई कोई कार्रवाई नहीं चाहते थे, लेकिन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया अगर उस पर कार्रवाई चाहते तो उसे कितनी सजा मिल सकती है ये जानना भी बेहद जरूरी है.

कोई भी व्यक्ति अदालत के अंदर हंगामा करता है या जज का अपमान करता है तो या जूता निकालकर मारने जैसी कोशिश करता है तो ये क्रिमिनल कंटेम्प्ट की कैटेगरी में आता है. ऐसे मामलों में जो भी दोषी होता है उसे 6 महीनों तक की साधारण कैद या 2 हजार रुपए तक का जुर्माना देना होता है. अगर आरोपी अपनी गलती मानकर माफी मांग लेता है तो सजा कम भी हो सकती है.

हालांकि यहां मामला अलग है, वकील को फिलहाल छोड़ दिया गया है, वकील ने सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान के नारे लगाए थे, जिसे बीते दिनों सीजेआई की ओर से की गई टिप्पणी से जोड़ा जा रहा है. दरअसल, CJI ने 16 सितंबर को खंडित मूर्ति की बहाली की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए कहा था, जाओ और भगवान से खुद करने को कहो. तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो.

इस टिप्पणी के बाद कई लोगों ने सवाल उठाए थे, हालांकि बाद में सीजेआई ने कहा भी था कि मेरी टिप्पणी को गलत दिखाया गया, मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं. लेकिन अब एक वकील ने चूंकि ऐसी घटना की है, इसलिए कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

CJI BR Gavai Lawyer shoe BR Gavai news Supreme Court

Recent News