...ये हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सबसे करीबी सलाहकार पीटर नवारो, जो कहते हैं भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर ब्राह्मणों को फायदा पहुंचा रहा है, लेकिन कैसे, इस सवाल पर इनकी जुबान अटक जाती है, रूस से आने वाला तेल जो कंपनियां खरीद रही हैं, उनमें अंबानी की रिलायंस नंबर पर है, नायरा एनर्जी नंबर 2 पर है और अदाणी की कंपनी भी टॉप खरीददारों में शुमार है, इनमें से कोई ब्राह्मण नहीं है, जबकि सरकारी कंपनियां भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन भी भारी मात्रा में तेल खरीदती हैं, फिर ये ब्राह्मण वाली बात आई कहां से, और इसका राहुल गांधी के वोट चोर नारे से क्या कनेक्शन हो सकता है. इसे समझना होगा, क्या भारत में भी बांग्लादेश की तरह सरकार बदलने की साजिश चल रही है.
जब राहुल गांधी बिहार की धरती से ये कहते हैं वोट चोर, गद्दी छोड़ नारा अमेरिका और चीन में भी गूंज रहा है, उसी वक्त अमेरिका से आया ये बयान वायरल होने लगता है. राहुल तो ये भी कहते हैं अब एटम बम के बाद हाईड्रोजन बम लाएंगे, जिस पर बीजेपी पूछती है चुनाव में हाइड्रोजन बम का क्या काम, तो क्या भारत में जातीय संघर्ष की कोई साजिश रची जा रही है, क्योंकि एक तरफ राहुल से लेकर अखिलेश तक ओबीसी की हिस्सेदारी की बात करते हैं, दूसरी तरफ ब्राह्मणों को फायदा पहुंचाने का आधारहीन नैरेटिव रचा जाता है तो इसकी वजह क्या हो सकती है.
ट्रंप के सलाहकार ये भी कहते हैं कि अमेरिका के हितों के खिलाफ भारत रूस और चीन से दोस्ती बढ़ा रहा है, ये उसके असली दोस्त नहीं हैं, दूसरी तरफ अमेरिकी दूतावास भारत-अमेरिका की दोस्ती की दुहाई देता है, तो क्या अमेरिका की हालत खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली हो गई है, इसीलिए वो कभी टैरिफ लगाता है, कभी ब्राह्मणों वाली बात कहता है तो कभी मोदी के चीन दौरे पर कहता है इसने तुम्हारे अक्साई चीन का इलाका कब्जाया है, तुम इससे दोस्ती मत करो, लेकिन भारत न इन बयानों से प्रभावित है न उसके टैरिफ से डर रहा, बल्कि नई गोलबंदी बनाकर जवाब देने के मूड में खड़ा है. पीटर नवारो के इस बयान पर बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे पूछते हैं.
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल तो कहते हैं अमेरिका के बौद्धिक क्षेत्रों में भारत के प्रति पूर्वाग्रह हावी है, यानि अमेरिका में बैठे कुछ लोगों की सोच ही भारत के खिलाफ है, फिर सवाल उठता है भारत के ही कुछ नेता उसकी भाषा क्यों बोल रहे हैं, कांग्रेस नेता उदित राज पीटर नवारो के बयान का समर्थन करते हैं, वो कहते हैं ये सही बात है, उच्च घराने के लोगों को रूस के सस्ते तेल का फायदा मिल रहा है, आम भारतीयों को इससे फायदा नहीं हो रहा, जबकि कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने तो बीते दिनों ये भी दावा किया कि अगले 6 महीने में हमलोग सरकार बना लेंगे, अब फिलहाल कोई चुनाव तो है नहीं, ना ही एनडीए गठबंधन में दरार का कोई संकेत मिल रहा तो क्या बांग्लादेश की तरह यहां भी कोई नीति बन रही है, साजिश रची जा रही है, जिसका खुलासा होना जरूरी है, अमेरिका अक्सर कई देशों में ऐसा करता है, उसकी बातें जब नहीं मानी जातीं, वो देश के अंदर हालात बिगाड़ने की कोशिश करता है, पर वो भूल रहा है यहां मोदी-शाह के साथ अजीत डोभाल भी बैठे हैं, जो जाति से तो ब्राह्मण हैं, पर उनकी पहचान जाति से नहीं उनके काम से है. इसीलिए जाति की लड़ाई अगर कोई लगाए तो उससे दूर रहिए.