• कौन हैं भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, सियासत से दूर फिर घोटाले में नाम कैसे आया ?
• जन्मदिन मनाने की करते तैयारी, रात में होती पार्टी, उससे पहले ही दिन में उठा ले गई ईडी
• पिता को मिली बेटे की गिरफ्तारी की पर्ची, बाहर आते ही बघेल ने क्यों लिया अडाणी का नाम?
18 जुलाई की सुबह करीब 6.30 बजे छत्तीसगढ़ के भिलाई में ईडी की टीम पहुंचती है, पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल जिस घर में थे, वहां छापेमारी होती है, इधर भूपेश बघेल के आवास पर भी छापेमारी जारी थी, चूंकि छत्तीसगढ़ में विधानसभा का सत्र भी चल रहा था, इसलिए छापेमारी के बाद भूपेश बघेल पैदल ही विधानसभा के लिए निकल जाते हैं, लेकिन इसी बीच उन्हें शाम से पहले ही ये ख़बर मिलती है कि आपके बेटे चैतन्य बघेल को ईडी ने अरेस्ट कर लिया है. जिसके बाद भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता इकट्ठा होते हैं, नारेबाजी होती है, किसी तरह चैतन्य को अदालत में पेश किया जाता है, और 5 दिन के रिमांड पर चैतन्य को भेज दिया जाता है, जहां शराब घोटाले के सिलसिले में पूछताछ होने वाली है, लेकिन यहां कई लोग ये नहीं समझ पा रहे हैं कि सीएम तो भूपेश बघेल थे, और मामला उनके कार्यकाल से जुड़ा था, फिर बेटे की गिरफ्तारी क्यों, वो तो कांग्रेस में किसी पद पर भी नहीं हैं. तो इसे भी समझना होगा, उसके बाद ये भी बताते हैं कि बघेल इस बार मोदी-शाह करने की बजाय अडाणी-अडाणी क्यों कर रहे हैं.
कौन हैं चैतन्य बघेल और क्यों हुए गिरफ्तार
यही वजह है कि ईडी ने अदालत में कुछ ऐसी दलीलें पेश कीं कि अदालत ने चैतन्य को 5 दिन के रिमांड पर भेज दिया. जिसके बाद बीजेपी के ट्विटर हैंडल से ये लिखा गया कि बाप नंबरी, बेटा दस नंबरी. हालांकि गिरफ्तारी के बाद ये भी जानकारी सामने आती है कि उसके बाद ये भी पता चलता है कि 18 जुलाई को चैतन्य का जन्मदिन था, वो पार्टी मना पाते, उससे पहले ही ईडी उठा ले गई. उससे पहले ईडी ने भूपेश बघेल के जन्मदिन वाले दिन भी छापा मारा था, जिसे लेकर भूपेश बघेल कहते हैं मोदी-शाह ने ये अच्छा गिफ्ट दिया है, हालांकि वो साथ में अडाणी का भी नाम लेते हैं, और कहते हैं कि जब मैं तमनार के मुद्दे पर भाषण देने वाला था, तभी एक पर्ची मिली, जिसमें चैतन्य की गिरफ्तारी की सूचना दी गई. तमनार में चल रही पेड़ों की कटाई का मुद्दा उठाने के कारण ही यह कार्रवाई की गई है. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने फोन कर घटना की जानकारी ली है.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता इसे सियासत से प्रेरित कार्रवाई बता रहे हैं, तो वहीं बीजेपी नेताओं का दावा है ईडी अपना काम कर रही है. जिस घोटाले के सिलसिले में चैतन्य को उठाया गया है, वो करीब 2 हजार करोड़ का बताया जा रहा है, यानि दिल्ली में जिस घोटाले में अरविंद केजरीवाल और सिसोदिया जेल गए थे, उससे भी ज्यादा बड़ा घोटाला ये हो सकता है. फिलहाल ईडी की जांच जारी है, लेकिन आप इस कार्रवाई को कैसे देखते हैं, अपनी राय जरूर दें.