अभिषेक चतुर्वेदी
कहते हैं हर सफल इंसान के पीछे एक महिला का हाथ होता है, लेकिन हाथरस वाले बाबा के खुराफाती दिमाग के पीछे भी एक महिला का हाथ है और उस महिला का नाम है प्रेमवती. जिसका काला चिट्ठी सुनकर आप भी कहेंगे बाबा से पहले इस महिला को सलाखों के पीछे होना चाहिए.
कौन है प्रेमवती?
एटा जिले के गुहटिया खुर्द गांव की रहने वाली है प्रेमवती. 36 साल पहले आगरा के रहने वाले सूरजपाल से शादी की थी. शादी के बाद सूरजपाल को नारायण साकार हरि प्रेमवती ने ही बनाया और ये कैसे किया ये जब आप सुनेंगे तो कहेंगे ये महिला तो बाबा से भी ज्यादा शातिर है. महिलाएं बाबा से ज्यादा प्रेमवती को भगवान मानती हैं. यहां तक कि प्रेमवती के गांव को जगत जननी मां का मायका बताते हैं, उसके घर के बाहर मत्था टेकते हैं.
ये वही प्रेमवती है, जो बाबा के साथ चांदी की कुर्सी पर मंच पर बैठती. उसकी कुर्सी में शेर जैसी निशानी होती, जिसे देखकर भक्त उसे शेरावाली मां कहते. एक पत्रकार जब भक्तों के पास जाकर प्रेमवती को महिला कहता तो उस पर भड़क जाती और कहती है ''उन्हें महिला मत कहिए, वो जगत जननी मां हैं, वो शेर की सवारी पर बैठी साकार जगत जननी मां मातेश्वरी हैं. जैसे प्रभु राम के साथ सीता थी, श्रीकृष्ण के साथ राधा थी, वैसे ही बाबा के साथ प्रेमवती मां हैं.
ये लोग कौन हैं, जिनका जो एक सामान्य सी महिला को माता सीधा और राधा की तरह बता रहे हैं. हमने जब इसकी पड़ताल करने की कोशिश की तो जो जानकारी मिली वो चौंका देने वाली थी. बाबा के पास ऐसी महिलाओं की बहुत बड़ी मंडली है जो गांव-गांव जाकर महिलाओं को समझाते. बाबा के चमत्कारी किस्से सुनाते और फिर उन्हें अपनी जाल में फंसा लेते थे. हर महिला को ये कहा जाता नारायण साकार हरि ही तुम्हारे पति हैं.
इस चक्कर में कई महिलाओं का तलाक भी हो चुका है. सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि कुछ लोग महिला का नाम प्रेमी देवी बता रहे हैं और इसे बाबा की मामी औऱ सेविका बता रहे हैं, तो वहीं कई लोगों का दावा है कि वो बाबा की दूसरी पत्नी है. बाबा की पहली शादी कटोरी देवी से हुई थी, जो अब इस दुनिया में नहीं है. कहा जाता है कटोरी देवी के जाने के बाद बाबा ने जब दूसरी शादी की तो किस्मत पलट गई.
शादी के कुछ समय बाद ही यूपी पुलिस में नौकरी लग गई. उसके बाद 26 साल पहले एक दिन पत्नी ने कहा इस नौकरी से क्या ही कमाओगे, अगर ज्यादा कमाना है तो कुछ बड़ा करना होगा और इस देश में पाखंडियों के लिए बाबा का रास्ता सबसे आसान लगता है. पर मुसीबत इस बात की होती है कि इसकी शुरुआत कैसे की जाए, आप शुरू में कोई चमत्कार नहीं दिखाएंगे तो लोग आपके पास नहीं आएंगे.
आज भी गांवों में आपको कई ऐसे तंत्र-मंत्र करने वाले मिल जाएंगे, जिनकी पत्नियां इस काम में उनके साथ होती है. क्योंकि इससे उन्हें पैसा और प्रसिद्धि दोनों मिलती है. यहां भी प्रेमवती ने यही किया और नारायण साकार हरि के चमत्कार के किस्से गांव-गांव में महिलाओं को सुनाने लगी. वो महिलाएं जो पति से परेशान होती हैं, जो गरीबी से किसी भी कीमत पर मुक्त होना चाहती हैं. उनके दिमाग में नारायण साकार हरि नाम का प्रभाव डाला और फिर महिलाएं बाबा के कथा में आकर झूमने लगतीं.
महिलाएं कहती हैं ''हमारे बाबा इतने महान हैं कि वो भूत-प्रेत को भी श्रीमान कहकर बुलाते थे, हमारे ऊपर कोई भी संकट आता था तो उसे तुरंत खत्म कर देते थे. उन्होंने एक कथा में खुद ही कहा था कि मैं प्रलय भी ला सकता हूं, जो लोग बाबा को दिल से नहीं मानते थे, उनकी ही मौत हुई है.
ये बयान सुनने के बाद हाथरस मामले की जांच कर रही टीम के भी होश उड़ गए हैं और वो पता करने में जुटी है कि बाबा की पत्नी ने ऐसा कौन सा जादू किया है, जो अपनों को खोने के बाद भी लोग उसके दीवाने हुए जा रहे हैं. ऐसी जानकारी सामने आई है कि बाबा काले जादू के लिए ऊल्लू का इस्तेमाल करता था, अब इसकी भी जांच होने वाली है.