नई दिल्ली: राजस्थान के जोधपुर में एक चौंकाने वाली घटना हो गई. 2012 के एक पुराने हमले के मामले में 16 दोषियों को सात साल की जेल की सजा सुनाई गई, लेकिन सजा सुनते ही वे कोर्ट से भाग निकल गए. यह सब 26 सितंबर को दोपहर करीब 1 बजे हुआ. यह मामला जोधपुर जिले के ओसियां तहसील के पडासला गांव से जुड़ा है.
31 जनवरी 2012 को करीब 150-200 लोगों की भीड़ ने एक बस्ती पर हमला किया. उन्होंने एक घर में आग लगा दी और कम से कम छह लोग घायल हो गए. शिकायतकर्ता का नाम पोकराम है. उन्होंने ओसियां थाने में 19 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया था. ट्रायल के दौरान तीन आरोपी मर गए. बाकी 16 को SC-ST स्पेशल कोर्ट ने दोषी माना और सजा सुनाई.
कोर्ट ने फैसला सुनाया, फिर पुलिस को उन्हें हिरासत में लेने को कहा. लेकिन पुलिस कुछ कर पाती, उससे पहले ही सारे 16 आरोपी कोर्ट परिसर से फरार हो गए. यह बात एक हफ्ते तक छिपी रही. आखिरकार कोर्ट के रीडर संजय पुरोहित ने उदय मंदिर थाने में भागने की शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने गलती मानी है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई.
उदय मंदिर थाने के SHO सीताराम खोजा ने कहा, "केस दर्ज हो गया है, जल्द ही सभी आरोपी पकड़े जाएंगे." इस घटना से कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं. खासकर इसलिए कि यह SC-ST कम्युनिटी पर हमले का मामला था. स्रोतों के मुताबिक, भागने का पता चलने पर कोर्ट ने पहले वकील को बताया, फिर पुलिस को सूचना दी.
राजस्थान के निचली अदालतों में सुरक्षा की कमी पहले भी चर्चा में रही है. वकील और कार्यकर्ता पूछ रहे हैं कि सजा सुनते ही 16 लोग बिना किसी रुकावट के कैसे भाग गए? अभी पुलिस टीमें आरोपी ढूंढ रही हैं. अधिकारी कह रहे हैं कि सबको जल्द पकड़ लेंगे, लेकिन एक हफ्ता बीत चुका है और कोई फायदा नहीं हुआ.