नई दिल्ली: अनेपाल्या इलाके की एक मस्जिद में 16 वर्षीय लड़की से जबरन निकाह कराने के गंभीर आरोपों के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है. अधिकारियों ने बुधवार को इसकी पुष्टि की, जिसमें बताया गया कि विवाह 26 सितंबर को संपन्न हुआ था. पुलिस के मुताबिक, एक सरकारी कर्मचारी की शिकायत पर 29 सितंबर को अशोक नगर पुलिस स्टेशन में बाल विवाह रोकथाम कानून की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज हुई.
इसमें लड़की के परिजनों पर उसे विवाह के लिए दबाव डालने का इल्जाम लगाया गया है. एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया, ''एक बाहरी पक्ष की सूचना पर हमने मामले को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के पास भेजा. उनकी रिपोर्ट मिलने के बाद औपचारिक केस दर्ज किया गया. कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे की जांच और कदम उठाए जाएंगे.''
दूसरी ओर, वकील हुसैन ओवैस एस. ने डीजीपी एमए सलीम और बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर सीमांत कुमार सिंह को पत्र भेजकर इस ''अवैध शादी'' को रौशनी में लाया. पत्र में शुजात अली, हसन रजा और वक्फ बोर्ड सदस्य मीर काइम (जिन्हें अज़ान जाफरी भी कहा जाता है) को नामजद किया गया, जो कथित रूप से निकाह कराने या इसमें शामिल थे.
एफआईआर में स्पष्ट किया गया है कि यह बाल विवाह निषेध कानून, 2006 का स्पष्ट उल्लंघन है. साथ ही, नाबालिग के साथ कोई भी शारीरिक संबंध, भले ही शादी का दावा हो, पॉक्सो एक्ट के तहत रेप की श्रेणी में आएगा. पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है, जिससे इलाके में सुरक्षा और सामाजिक मुद्दों पर बहस तेज हो गई है.