50 वर्षीय महिला ने पोते से की शादी, उससे पहले रची थी पति और बच्चों की हत्या की साजिश

Amanat Ansari 28 Apr 2025 08:30: PM 2 Mins
50 वर्षीय महिला ने पोते से की शादी, उससे पहले रची थी पति और बच्चों की हत्या की साजिश

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने सभी को हैरान कर दिया. एक 50 साल की महिला, इंद्रावती, ने अपने 30 साल के पोते, आजाद, के साथ भागकर शादी कर ली. यह घटना इतनी चौंकाने वाली है क्योंकि इंद्रावती चार बच्चों- दो बेटों और दो बेटियों की मां थी, और उसने अपने पूरे परिवार को छोड़कर यह कदम उठाया. इंद्रावती और आजाद ने गुपचुप तरीके से गोविंद साहिब मंदिर में शादी की. वहां उन्होंने एक-दूसरे को सिंदूर लगाया, पवित्र अग्नि के सात फेरे लिए और शादी के बंधन में बंध गए. इसके बाद दोनों गांव से गायब हो गए.

इंद्रावती और आजाद एक ही गांव में रहते थे और रिश्ते में दादी-पोते थे. दोनों के बीच काफी समय से प्रेम संबंध चल रहा था. चूंकि वे परिवार के सदस्य थे, इसलिए गांव वालों को उनके रिश्ते पर कोई शक नहीं हुआ. दोनों अक्सर मिलते थे, लेकिन किसी ने उनके प्यार के बारे में नहीं सोचा. शादी से चार दिन पहले, इंद्रावती के पति, चंद्रशेखर, ने दोनों को चुपके-चुपके बात करते देख लिया. उन्हें कुछ गड़बड़ लगा. जब चंद्रशेखर को उनके प्रेम संबंध का पता चला, तो उन्होंने इसका कड़ा विरोध किया. उन्होंने इंद्रावती और आजाद को समझाने की कोशिश की कि वे अपना रिश्ता खत्म कर दें, लेकिन दोनों ने उनकी बात नहीं मानी. इसके बाद दोनों ने भागकर शादी करने का फैसला किया.

चंद्रशेखर ने इस मामले को सुलझाने के लिए पुलिस की मदद मांगी, लेकिन पुलिस ने कोई शिकायत दर्ज नहीं की. पुलिस का कहना था कि इंद्रावती और आजाद दोनों बालिग हैं, और उन्हें अपने साथी चुनने का अधिकार है. इस बीच, एक और चौंकाने वाली बात सामने आई. इंद्रावती ने आजाद के साथ मिलकर अपने पति और बच्चों को जहर देकर मारने की साजिश रची थी, ताकि वे अपने रास्ते से हट जाएं. चंद्रशेखर ने बताया कि इंद्रावती उनकी दूसरी पत्नी थी. चूंकि चंद्रशेखर काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहते थे, इसलिए इंद्रावती और आजाद के बीच नजदीकियां बढ़ गईं.

इस विश्वासघात से चंद्रशेखर पूरी तरह टूट गए हैं. उन्होंने फैसला किया है कि वे अपनी पत्नी की तेरहवीं (हिंदू रिवाज, जो किसी की मृत्यु के 13वें दिन किया जाता है) करेंगे. इसका मतलब है कि वे इंद्रावती को अपने लिए “मृत” मान चुके हैं. यह घटना न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए एक बड़ा झटका है. लोग इस बात पर हैरान हैं कि रिश्तों की मर्यादा को तोड़कर ऐसा कदम कैसे उठाया जा सकता है. इस मामले ने समाज में रिश्तों और नैतिकता पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

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