नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में एक ऐसी घटना घटी है, जो लोगों की जुबान पर चढ़ गई है. 75 वर्षीय बुजुर्ग संगरू राम ने लंबे अकेलेपन के बाद दूसरा ब्याह रचाया, लेकिन किस्मत ने साथ देना छोड़ दिया. उम्र में 40 साल छोटी, तीन संतानों की मां विधवा महिला से विवाह के बाद पहली ही रात गुजारते ही उनकी सांसें थम गईं. घटना गौरा बादशाहपुर थाने के कुछमुछा गांव की है.
संगरू राम की पहली पत्नी का निधन करीब एक वर्ष पूर्व हो चुका था. दंपति के कोई बच्चे न होने से वह गहरे अवसाद में डूबे रहते. रिश्तेदारों और ग्रामीणों से अक्सर अपनी व्यथा सुनाते, कि जीवन के बाकी दिनों में कोई साथी हो जो घर की जिम्मेदारी संभाले. गांव वाले इस उम्र में दोबारा वैवाहिक बंधन में बंधने की नसीहत देते, लेकिन संगरू अड़े रहे. दिल्ली में बस चुके भाई का सुखी परिवार देखकर उन्हें जलन होती.
वे चाहते थे कि जलालपुर क्षेत्र की एक विधवा महिला मनभावती उनके साथ जीवन बिताए. 2018 में पति के चले जाने के बाद से वह तीन बच्चों के साथ अकेली संघर्ष कर रही थी. संगरू ने प्रस्ताव रखा कि वह घर गृहस्थी संभालेगी, तो बदले में संगरू उनके बच्चों का ध्यान रखेंगे. सोमवार को दोनों ने अदालत में वैवाहिक रजिस्ट्रेशन कराया, फिर गांव के मंदिर में सात फेरे लिए. खुशी-खुशी घर लौटे. लेकिन सुहागरात की रात के बाद मंगलवार सुबह संगरू की हालत बिगड़ गई.
पड़ोसियों ने उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मृत्यु की पुष्टि कर दी. खबर फैलते ही गांव में सन्नाटा छा गया. संगरू के भाई-भतीजे और अन्य परिजन दौड़े चले आए. शव का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा, ताकि मृत्यु का सटीक कारण पता चल सके. तब तक अंतिम संस्कार स्थगित है. यह घटना बुजुर्गों के अकेलेपन और जीवन के अनिश्चित स्वरूप की याद दिला रही है.