आखिर क्यों कब्र से हड्डियां निकालने पर मजबूर हुए इस देश के नौजवान ? पीछे है डरावनी कहानी! जानिए

Global Bharat 09 Apr 2024 08:14: PM 3 Mins
आखिर क्यों कब्र से हड्डियां निकालने पर मजबूर हुए इस देश के नौजवान ? पीछे है डरावनी कहानी! जानिए

दुनियाभर के श्मशान घाट और कब्र पर ऐसा क्या हो रहा है कि वहां सुरक्षा बढ़ाने की बात होने लगी है, आप कहेंगे मौत से बड़ा डर कौन सा है, जो कब्रिस्तान की सुरक्षा जरूरी हो गई. तो इसकी कहानी आपको अगले 60 सेकेंड में बताते हैं. ये तस्वीरें साउथ अफ्रीका की हैं, जहां लोग कब्र पर सोते दिख रहे हैं. ये तस्वीर जब वायरल हुई तो दावा किया गया कि ये कब्र की सुरक्षा कर रहे हैं, हालांकि ये दावा गलत निकला, लेकिन पश्चिम अफ्रीका के सिएरा लिओन से अब कब्र की सुरक्षा वाली बात सामने आई है.

वहां इन दिनों कब्रिस्तानों पर सरकार का सख्त पहरा हो गया है.. वजह है नशे की लत.. नशे  के लिये कब्रें खोद कर हड्डियां चुराने का एक ऐसा चलन जिसने इस देश में 18 से 25 साल की उम्र के नौजवानों का जीवन तहस नहस कर दिया है. इस नशे के आदी नौजवान शाम ढलते ही कब्र खोद कर हड्डियां निकालने की जुगत में लग जाते हैं.. फिर इन हड्डियों को पीस कर इनका चूरा बनाते हैं और फिर इसे ड्रग्स में मिला कर 'कुश' नाम का नशीला पथार्थ बनाया जाता है. इस नशे को तम्बाखू की तरह इस्तेमाल किया जाता है..

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस नशीले पथार्थ के बारे में रीसर्च करने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये नशा सस्ता मगर बेहद खतरनाक है. इस नशे से नौजवानों की सोचने समझने की शक्ति बिलकुल खत्म हो जाती है... ये उनका शरीर पूरी तरह अपाहिज बना देता है  और सबसे खास बात ये है कि इस ड्रग को लेने वालों की हालत बिलकुल फिल्मों में दिखने वाले जॉम्बी यानी भूतों जैसी खौफनाक हो जाती है...  इंसानी हड्डियों का चूरा इसमें मौजूद सल्फर की वजह से नशे को कई गुना बढ़ा देता है.. बस इसीलिये ये नशा "जॉम्बी ड्रग" के नाम से अफ्रिका ही नहीं अमेरिका तक मश्हूर हो रहा है.

जानकारों के मुताबिक कुश का असर शरीर के जरूरी अंगों जैसे दिल, दिमाग, लीवर, किडनी और फेफड़ों पर सीधे पड़ता है जिसकी वजह से नशा करने वाले की कभी भी मौत हो सकती है.. सच तो ये है कि अफ्रीका के इस देश में कुश का नशा करने वाले सैकड़ों नौजवानों की पहले ही मौत हो चुकी है और पिछले तीन साल में यहां के अस्पतालों में इस नशे से बीमार होकर भर्ती होने वाले नौजवानों की तादाद 4000 फीसदी बढ़ी है। यही वजह है कि सरकार ने अब इस ड्रग के खतरे को देखते हुए इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है और इंसानी हड्डियों की चोरी रोकने के लिये कब्रिस्तानों के बाहर पुलिस का पहरा बैठा दिया है.

खबरों के मुताबिक कुश का नशा बेहद सस्ता है. महज 800 रुपये का नशा उनको दिन भर पस्त रखने के लिये काफी है। हालांकि गरीबी के चलते इस देश की औसतन सालाना आमदनी भी महज 42 हजार रुपये ही है। इसलिये सस्ता होने के बावजूद जिस्मानी और माली तौर पर कुश का नशा इस नस्ल को बरबाद करने के लिये काफी है. इसी वजह से सिएरा लिओन की सरकार ने ड्रग्स के इस्तेमाल से नौजवानों के बचाव और नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिये अब एक नेशनल टास्क फोर्स बनाई है.

अब सवाल ये है कि आखिर क्यों अफ्रीका के नौजवान इस नशे के आगे झुकने पर मजबीर हैं. आखिर ऐसा क्या है इस नशे में जो ये नौजवान अपनी सुध बुध खोकर कब्रिस्तान से हड्डिसां निकालनें पर मजबूर हैं. ऐसी खबरें हैं कि अफ्रीका के इस हिस्से में फैली जबरदस्त गरीबी. सिएरा लिओन दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है. बेरोजगारी और गरीबी से परेशान यहां के नौजवान इस नशे को अपनी जिंदगी की कड़वी सच्चाई से भागने का जरिया बना बैठे हैं...

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