नई दिल्ली: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने मकर संक्रांति के अवसर पर दही-चूड़ा कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें बिहार के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित किया. इस कार्यक्रम में उन्होंने बिहार के चुनावी समीकरणों में बदलाव का संकेत दिया और कहा कि चुनावी साल में राज्य की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है.
पशुपति पारस ने कहा, "मैंने इस आयोजन में आरजेडी, कांग्रेस, भाजपा, कम्युनिस्ट और अन्य छोटे दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है. सुबह से ही कई नेता यहां आ चुके हैं. मंगलवार को मैं आरजेडी प्रमुख लालू यादव के घर गया था और उनके परिवार से मुलाकात की. सभी को मैंने इस कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया और उन्होंने आने का आश्वासन दिया."
पशुपति पारस ने अपनी पार्टी की एनडीए में स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा, "राजनीति में कभी कुछ भी कहना मुश्किल होता है. मैंने पहले एनडीए के साथ मिलकर काम किया, लेकिन एनडीए के अंदर कुछ लोगों ने मेरे साथ नाइंसाफी की. हमें बिना किसी कारण के टिकट से वंचित कर दिया गया, हालांकि हम ईमानदारी से एनडीए के साथ खड़े रहे और लोकसभा चुनाव में उनका समर्थन किया."
उन्होंने बिहार की राजनीतिक स्थिति पर कहा, "बिहार में इस समय जो हालात हैं, वह कुछ और हैं. एनडीए हमारे दल को अपने घटक दलों में शामिल नहीं कर रहा है. फिलहाल बिहार में केवल पांच प्रमुख दल हैं, और हमारी पार्टी को छठे दल के रूप में शामिल नहीं किया जा रहा है. बिहार की राजनीतिक परिस्थिति अब बदलाव के दौर से गुजर रही है. लोग आगामी चुनावों में नए समीकरण देख सकते हैं, लेकिन क्या वह समीकरण होंगे, यह अभी कोई नहीं जानता."
पशुपति पारस ने यह भी कहा कि चूंकि यह चुनावी साल है, इसलिए बिहार में नए राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं. उन्होंने सभी को भविष्य का इंतजार करने की सलाह दी और कहा कि राजनीति में बदलाव की पूरी संभावना है, लेकिन इसके बारे में अब से कुछ कहना बहुत जल्दबाजी होगी.