Rahul Gandhi Hate Speech Case: क्या नेता प्रतिपक्ष बनते ही फिर चली जाएगी राहुल गांधी की सदस्यता?

Global Bharat 27 Jun 2024 12:58: PM 2 Mins
Rahul Gandhi Hate Speech Case: क्या नेता प्रतिपक्ष बनते ही फिर चली जाएगी राहुल गांधी की सदस्यता?

क्या नेता प्रतिपक्ष बनते ही फिर चली जाएगी राहुल गांधी की सदस्यता? क्या राहुल का पुराना बयान बनेगा उनके गले की फांस? लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी इस बार भी रहेगी खाली? 2018 में बोले गए शब्द 2024 में खड़ी कर देंगे मुश्किल? ये सवाल तब उठने लगे जब सुल्तानपुर कोर्ट से राहुल गांधी को एक नोटिस आ गया. नोटिस में जो लिखा था उसने पूरी कांग्रेस की नींद उड़ा दी. कांग्रेस के अंदर खलबली मच गई.

दरअसल लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर कोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दे दिया है. MP-MLA कोर्ट ने 26 जून, 2024 को कहा कि 2 जुलाई से पहले राहुल गांधी अदालत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं. अब कोर्ट के इस आदेश के आते ही कांग्रेस और इंडिया के घटक दल टेंशन में आ गए हैं. क्योंकि मामला मानहानि का है.

दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दाखिल किया गया है. ये शिकायत वकील संतोष कुमार पांडेय ने दर्ज कराई थी. राम प्रताप नामक एक शख्स ने इस मामले में पार्टी बनने के लिए आवेदन दिया है.

इस याचिका का विरोध करते हुए पांडेय ने कहा कि राम प्रताप न तो इस मामले में पीड़ित है और न ही उसका इस मामले से कोई लेना-देना है. काशी प्रसाद शुक्ला इस केस में राहुल गांधी के अधिवक्ता हैं. उन्होंने भी इस याचिका का विरोध किया. हालांकि, अदालत ने राम प्रताप के आग्रह को कबूल नहीं किया और राहुल गांधी को व्यक्तिगत पेशी का आदेश दिया.

ये मामला 2018 से ही चला आ रहा है. इससे पहले फरवरी 2024 में राहुल गांधी को अमेठी में अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ रोक कर कोर्ट में पेश होना पड़ा था, जहां से उन्हें अंतरिम जमानत मिली थी. उसी समय से वो इस मामले में जमानत पर ही चल रहे हैं. लेकिन अब उन्हें दोबारा कोर्ट में पेश होना है.

मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं. इधर राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए लोकसभा से लेटर जारी हुआ उधर कोर्ट ने पेशी का नोटिस जारी कर दिया. अब राहुल गांधी समझ नहीं पा रहे है कि ख़ुशी मनाए ये वकील के साथ मीटिंग करें.

दरअसल राहुल गांधी ने 15 जुलाई 2018 को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में आयोजित पीसी में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद 4 अगस्त 2018 कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ अदालत में मानहानि का केस दर्ज कराया गया था. अब ये मामला कांग्रेस की टेंशन इसलिए बढ़ा रहा है क्योंकि राहुल गांधी इसी तरह मोदी सरनेम पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी कर के फंसे थे.

गुजरात की जनता के खिलाफ उनकी टिप्पणी भी अदालत तक पहुंची थी. कोर्ट ने उनपर जुर्माना भी लगाया और जेल काटने की सजा भी सुनाई थी. इसके बाद राहुल गांधी की वायनाड से सांसदी भी चली गई थी, राहुल को अपना बंगला तक ख़ाली करना पड़ गया था.

हालांकि बाद में इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया और राहुल गांधी को लोकसभा सदस्यता वापस मिल गई. अब एक बार फिर वैसी ही स्थिति बनती नज़र आ रही है, इसलिए कांग्रेस के साथ-साथ इंडिया गठबंधन के घटक दल भी टेंशन में हैं!

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