इरफान सोलंकी की सीट पर सपा ने अपनी सबसे ज्यादा ताकत लगाई थी...चारों तरफ से बीजेपी को घेरा गया, यहां तक कि हिन्दुओं से ठीक से बात न करने वाले इरफान सोलंकी की पत्नी शिव मंदिर गई, वहां माथा टेका, दीपक जलाए और प्रचार किया कि मैंने तिलक लगाया!
अब खेल ज़रा ध्यान से समझते हैं...सपा की मुस्लिम सीट है कुंदरकी वहां पर बीजेपी उम्मीदवार रामवीर ने मुस्लिम टोपी पहनी, गमछा लिया, शेखों वाला लुक दिया, लेकिन वहां मुसलमान फिर भी बीजेपी के साथ नहीं आया! यहां कानपुर की सीसामऊ सीट पर इरफान सोलंकी की पत्नी मंदिर गई माथा टेकने तो हिन्दुओं ने नसीम सोलंकी को वोट किया!
मुस्लिम गढ़ में अभी भी योगी का नारा बटेंगे तो कटेंगे वैसा काम नहीं कर रहा है जिसकी उम्मीद बीजेपी को थी! सीसामऊ सीट पर भारी बवाल हुआ, पहले सपा का हंगामा दिखाते हैं फिर बीजेपी का आरोप, और उसके बाद वो IPS कौन हैं जिनको बीजेपी उम्मीदवार ने सपा का अधिकारी बताया? बीजेपी उम्मीदवार पर लाल ईमली चौक पर पथराव हुआ, उसकी शिकायत की गई, लेकिन समर्थक भड़क गए, ये एक घटना थी.
दूसरी घटना थी खुद भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी कहते हैं, क्या भाई ACP साहब...(आवाज़ सुनवाए) बूथ पर अचानक सैकड़ों समर्थक के साथ पहुंचे बीजेपी उम्मीदवार एकदम तमतमाए थे, और उन्हें लगा कि यहां ACP के इशारे पर नसीम सोलंकी को गलत वोट करवाए जा रहे हैं, लेकिन सवाल ये है कि योगी की सरकार में योगी के ही अधिकारी क्या सपा को वोट करवा सकते हैं?
बीजेपी उम्मीदवार का दावा था...जुबैर नाम का हमारा पोलिंग बैठा है, उसने मुझे बताया! शर्म नहीं आती है आपको...सीसामऊ में इरफान सोलंकी का क्या इतना दबाव है? या अधिकारी पर लगा आरोप झूठा है?
क्या ACP यहां सपा से मिले हैं, और सपा के मुताबिक बाकी सीटों पर योगी के अधिकारी योगी से मिले हैं? या ये भ्रम है? पर इस वीडियो में बहुत कुछ छिपा है,? क्या योगी के अधिकारी ही योगी के ख़िलाफ़ वोट करवा रहे थे? क्या अधिकारियों में कोई विरोध है? IPS रैंक के अधिकारी पर ऐसे गंभीर आरोपों की जांच होनी चाहिए!
ACP कोई छोटा पद नहीं है, चुनाव आयोग को जांच के दायरे में लाना चाहिए! क्योंकि बीजेपी का आरोप है, अखिलेश यादव 8 अधिकारियों का नाम गिनाते हैं जिसमें वो कई IPS का नाम लेते हैं, उनकी लिस्ट भी देखिए! कुंदरकी के थाना अध्यक्ष, मीरापुर पुलिस, डीसीपी सेंट्रल कानपुर, इंस्पेक्टर दिनेश सिंह बिष्ट, कर्नलगंज इंस्पेक्टर के साथ कई अधिकारियों का नाम है, जबकि एक कमिश्नर का भी नाम है!
मुरादाबाद के कमिश्नर IAS आंजनेय कुमार पर अखिलेश यादव ने बीजेपी को वोट करवाने का आरोप लगाया, योगी से मांग की हैं कि उन्हें हटाया जाए, पर असली कहानी ये नहीं है, असली कहानी है कि कमिश्नर आंजनेय कुमार वो नाम हैं जिन्होंने रामपुर में DM रहते आज़म की लंका लगाई, डिंपल यादव से लेकर अखिलेश यादव तक की इनकी पुरानी दुश्मनी जैसी कहानी है...ये कन्नौज में जाते हैं तो अखिलेश कन्नौज में आरोप लगाते हैं,
ये रामपुर में DM थे तो सपा ने आरोप लगाया, अब मुरादाबाद के कमिश्नर हैं तो वहां भी गंभीर आरोप लगा है! लेकिन ये विषय बड़ा है, विपक्ष ऐसा आरोप लगाता है, ब्यूरोक्रेसी में दबाव डालने के लिए, लेकिन खुद बीजेपी ने एक ACP पर गंभीर आरोप लगाया है, जिसकी जांच में बड़ा खुलासा हो सकता है!
नेताओं के लिए अधिकारियों का नाम लेना आसान हो गया है, सीसामऊ में बीजेपी की हार की वजह पुलिस विभाग भी हो सकती है, योगी आदित्यनाथ की टेबल पर रिपोर्ट पहुंच चुकी है, सीसामऊ में अगर बीजेपी हारी तो ये अयोध्या की हार की तरह योगी को लंबे वक्त तक दर्द देगा! क्योंकि यहां योगी की लड़ाई एक माफिया से था...माफिया को योगी ने जेल में रखा है,
लेकिन उसकी पत्नी नसीम सोलंकी पति के अपराधों पर आंसू बहा कर वोट मांग रही थी...आंखों में आंसू देखकर हिन्दू वोटर भी योगी का साथ छोड़कर भारी मात्रा में इरफान सोलंकी की तरफ गया है!