5 वो सबूत जो इशारा करते हैं, लॉरेंस के नाम पर कोई खेल कर गया?

Global Bharat 19 Apr 2024 2 Mins
5 वो सबूत जो इशारा करते हैं, लॉरेंस के नाम पर कोई खेल कर गया?

सलमान के घर के बाहर हुए कारनामे को 5 दिन बीत चुके हैं, लेकिन मुंबई पुलिस अभी भी इस केस को लेकर ये कंफर्म नहीं है कि इसमें किसका हाथ है, यहां तक कि लॉरेंस का नाम लेने में भी लगता है जल्दबाजी की गई है, ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि ऐसा मीडिया में सामने आए 5 सबूत कह रहे हैं. इनमें से एक-एक सबूत को समझने की कोशिश करते हैं और साथ में ये भी समझते हैं कि क्या लॉरेंस और सलमान की दुश्मनी का फायदा कोई तीसरा उठाने की कोशिश कर रहा है. मूसेवाला केस की फाइल महाराष्ट्र पुलिस क्यों पढ़ रही है.
सबूत नंबर 1- 14 अप्रैल को घटना के बाद मौके पर पहुंची मुंबई पुलिस को पता चलता है कि इस केस में रोहित गोदारा का हाथ है. रोहित गोदारा के गुर्गे विशाल ऊर्फ कालू का नाम सामने आता है, उसके घर मीडिया भी पहुंच जाती है, और मीडिया ट्रायल शुरू हो जाता है, पर कुछ घंटे बाद खेल बदल जाता है.
सबूत नंबर 2- मुंबई पुलिस जो FIR दर्ज करती है, उसमें विशाल ऊर्फ कालू का नाम कहीं था ही नहीं, तो क्या ये दो राज्यों की पुलिस के बीच मिस कॉम्युनिकेशन का नतीजा था, जो किसी और का नाम उछल गया.
सबूत नंबर 3- मीडिया रिपोर्ट बताते हैं कि लॉरेंस के गुर्गे अत्याधुनिक विदेशी सामान मंगवाते हैं, वो नए लड़कों को भी यही देता है, यहां तक कि संपत नेहरा जब पकड़ा गया था तो उसके पास भी कोई चुटपुटिया सामान नहीं था. फिर इन लड़कों को ये कहां से मिला?
क्या लॉरेंस ने पुलिस को भ्रम में डालने के लिए इस बार पूरी प्लानिंग बदल दी, या फिर लॉरेंस के नाम पर कोई और खेल कर गया. अगर फिल्मों और वेब सीरीज का उदाहरण लें तो आपको याद होगा दो लोगों की दुश्मनी का अक्सर तीसरा आदमी फायदा उठा जाता है, हालांकि इसका कतई ये मतलब नहीं है कि लॉरेंस दोषी नहीं है, लॉरेंस जो करता है वो समाज के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है, और लॉरेंस को इसकी सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए पर सलमान खान के घर के बाहर 14अप्रैल को जो कुछ भी हुआ और उसके 14 घंटे बाद जिस तरह से FIR से कालू का नाम हटाए जाने की बात सामने आई, उसके बाद से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.
सवाल नंबर 1- जब सलीम खान को धमकी वाला पत्र मिला था, तब लॉरेंस से जेल में पूछताछ हुई थी और उसने पल्ला झाड़ लिया था तो क्या इस बार भी वो यही करने वाला है.
कहते हैं कोई भी चोर खुद को तब तक चोर नहीं मानता, जब तक वो पकड़ा न जाए, और यही हाल शायद लॉरेंस का भी हो, तभी तो आज तक 50 से ज्यादा मामलों में आरोपी होने के बाद भी दोषी कुछ ही मामलों में साबित हो पाया है, जेल से बैठकर इस बात का वो जिक्र भी करता है कि मैं तो बिना सजा के ही बंद हो गया था, लेकिन साथ में ये नहीं कहता कि उसके बावजूद भी मैं नहीं सुधरा. और आज हालत ये है कि महाराष्ट्र पुलिस लॉरेंस का तरीका समझने के लिए मूसेवाला केस की फाइल पढ़ रही है, क्योंकि वहां भी लॉरेंस ने ज्यादा क्लू नहीं छोड़े थे, तिहाड़ जेल से लेकर पंजाब की जेलों तक में हुई पूछताछ में सिर्फ यही कहता रहा कि मेरा कोई हाथ ही नहीं है. लेकिन पुलिस लॉरेंस की चाल में नहीं आने वाली. बल्कि उसकी हर हरकत पर एक साथ कई राज्यों की पुलिस और खुफिया एजेंसियों की नजर है.