नई दिल्ली: महाराष्ट्र के विधायक और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अबू आजमी को मुगल शासक औरंगजेब पर उनके विवादास्पद बयान के लिए बुधवार को राज्य विधानसभा से निलंबित कर दिया गया. आजमी को महाराष्ट्र के चल रहे बजट सत्र के अंत तक निलंबित किया गया है. आजमी के बयान ने विवाद खड़ा कर दिया था, क्योंकि उन्होंने दावा किया था कि औरंगजेब के शासनकाल में भारत समृद्ध हुआ.
पिछले सप्ताह एक साक्षात्कार के दौरान आजमी ने कहा था कि औरंगजेब को केवल एक क्रूर शासक के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि एक महान प्रशासक के रूप में देखा जाना चाहिए, जिसने मंदिर भी बनवाए थे. उन्होंने यह भी कहा था कि औरंगजेब के शासनकाल में भारत की सीमा अफगानिस्तान और बर्मा (अब म्यांमार) तक पहुंच गई थी.
उन्होंने कहा, "इसके अलावा, मैं यह नहीं मानता कि छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच लड़ाई धर्म को लेकर थी, यह एक राजनीतिक लड़ाई थी." बाद में महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने अपनी टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगी, लेकिन साथ ही बयान को उचित ठहराते हुए कहा कि उन्होंने वही कहा जो इतिहासकार और लेखक मुगल शासक के बारे में पहले ही कह चुके हैं और यह किसी भी तरह से छत्रपति शिवाजी महाराज या संभाजी महाराज के खिलाफ़ नहीं था. उन्होंने कहा कि उनके "शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया."
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तीखी आलोचना करते हुए आज़मी को "देशद्रोही" कहा. शिंदे ने कहा, "आज़मी देशद्रोही हैं और उन्हें विधानसभा में बैठने का कोई अधिकार नहीं है. वे हमेशा छत्रपति शिवाजी और संभाजी महाराज का अपमान करते रहे हैं." बीएनएस के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और मानहानि के लिए आज़मी के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई, जबकि मानखुर्द-शिवाजी नगर के विधायक ने एक बयान जारी कर कहा कि उनकी टिप्पणी "छावा" फ़िल्म के संदर्भ में थी, जिसमें छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगज़ेब के बीच संघर्ष को दर्शाया गया है.