Delhi Pollution : दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर 'खतरनाक', लोग बोले- सांस नहीं ले पा रहे आंखें भी जल रहीं

Global Bharat 19 Nov 2024 10:23: AM 2 Mins
Delhi Pollution : दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर 'खतरनाक', लोग बोले- सांस नहीं ले पा रहे आंखें भी जल रहीं

देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण से स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. मंगलवार को सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 498 तक पहुंच गया. प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर के कारण लोगों को सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

वायु प्रदूषण को लेकर हालात बहुत ही चिंताजनक हो गए हैं. लोग अब मास्क पहनकर घर से बाहर निकल रहे हैं, ताकि वह प्रदूषण से बच सकें. विशेषज्ञों के मुताबिक, एक्यूआई का 500 के करीब होना बताता है कि हवा में विषैले कणों की मात्रा इतनी अधिक हो गई है कि यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक है, विशेषकर उन लोगों के लिए जिनकी उम्र कम या ज्यादा है और जिन्हें सांस की बीमारियां हैं.

प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है. लोग आंखों में जलन और खांसी जैसी समस्याओं से भी जूझ रहे हैं. उमाशंकर नामक एक स्थानीय निवासी ने कहा कि प्रदूषण की वजह से काफी परेशानी हो रही है. इस समय सांस लेने में दिक्कत हो रही है और आंखों में जलन भी हो रही है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति बेहद खतरनाक है.

बस स्टैंड पर खड़े एक यात्री ने बताया कि प्रदूषण के कारण काफी परेशानियां आ रही हैं. सांस लेने में बहुत कठिनाई हो रही है, आंखों में जलन महसूस हो रही है. सरकार को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.

वेद सिंह नामक एक व्यक्ति ने दिल्ली सरकार के प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि प्रदूषण की वजह से सुबह-सुबह काफी परेशानी हो रही है. सांस लेना मुश्किल हो रहा है. दिल्ली सरकार के प्रदूषण को रोकने के दावे पूरी तरह से गलत हैं. कहने से कुछ नहीं होता, जब तक ठोस कदम नहीं उठाए जाते. प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जरूरी ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि लोगों की सेहत को खतरा न हो.

बता दें कि बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गठित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण (ग्रैप-4) को लागू कर दिया है. ग्रैप-4 लागू होने के बाद वायु गुणवत्ता के स्तर को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा कई कड़े उपाय लागू किए गए हैं, ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके.

उल्लेखनीय है कि जब प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और औसत एक्यूआई 450 को पार कर जाता है तो ग्रैप का चौथा चरण लागू किया जाता है. ग्रैप-4 लागू होने के बाद प्रतिबंध सबसे ज्यादा और सबसे कड़े होते हैं.

ग्रैप-4 लागू होने के बाद राजधानी में ट्रक, लोडर समेत अन्य भारी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत नहीं होती है. हालांकि, आवश्यक सामग्री की आपूर्ति करने वाले वाहनों को प्रवेश दिया जाता है. सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. राज्य सरकार स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं और सरकारी तथा निजी कार्यालयों के लिए घर से काम करने पर भी निर्णय लेती हैं. ऑड-ईवन का निर्णय भी चौथे चरण में लिया जा सकता है, हालांकि यह जरूरी नहीं है.

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