मध्य प्रदेश का शहजाद अली उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर इतना बड़ा खुलासा करता है कि पुलिस हिल जाती है, आप भी सुनकर कहेंगे कि यूपी पुलिस को तगड़ा एक्शन लेना होगा. योगी की सुरक्षा बढ़ानी होगी, पहले दिन मुंह नहीं खोलने वाला शहजाद अपने रिमांड के आखिरी यानि तीसरे दिन एक साथ सबकुछ बता जाता है. वो कहता है...छतरपुर के थाने पर पत्थर फेंकने का मास्टरमाइंड मैं नहीं हूं, बल्कि मेरा भाई फैयाज जिसने पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पर कभी फायरिंग करवाई थी, उसने ही पूरा प्लान बनाया था. हमारी अगली प्लानिंग यूपी में अपने कौम के परेशान लोगों की मदद करने की थी. यूपी में जिस हिसाब से बुलड़ोजर चल रहा है, उसके खिलाफ हम बड़ा प्लान बना रहे थे. ताकि कोई ऐसी हिमाकत दोबारा न कर पाए.
यहां तक कि सूत्र बताते हैं शहजाद ने बकायदा योगी की कुर्सी तक पहुंचने का प्लान तैयार कर लिया था, वो योगी की कुर्सी नहीं बल्कि नींव हिलाना चाहता था, जिस हिंदुत्व की राजनीति से योगी उठे हैं, उसका जवाब देने के लिए शहजाद अपने लोगों को न सिर्फ एकजुट कर रहा था, बल्कि भड़का भी रहा था, शहजाद के परिवार का कांग्रेस से तगड़ा कनेक्शन रहा है, कांग्रेस की यूपी में पकड़ तो अब पहले जैसी नहीं रही, लेकिन देशभर में कांग्रेस किन लोगों का साथ दे रही है, ये आप भी जानते हैं, शहजाद और उसके करीबी जैसे लोग ऐसा लगता है पार्टी में होते ही गलत मकसद से हैं. शहजाद की जो तैयारी तैयारी छतरपुर में दिखी, उसे देखकर साफ अंदाजा लगा सकते हैं साजिश कितनी बड़ी होसकती है, आखिर एक थाने के बाहर इतने पत्थर कहां से आए, और उसके बाद भी शहजाद को ये लगा था कि नेता हूं तो बच जाऊंगा, और फिर दूसरे शहर में प्लान बनाऊंगा, पर वो प्लान फेल हो गया, जिस ई-रिक्शा में बैठा, उसी ने चिल्ला-चिल्लाकर उसे पकड़वा दिया. और जब वो पकड़ा गया तो बार-बार यही कहता रहा.
मैं तो हज करने पहले दुबई गया था, दुबई में ही एक जगह से घर के लिए झूमर खरीदवाया, वहां से महंगे-महंगे टाइल्स मंगवाए, एक शेख से मुलाकात की, उसके बाद अपने सपनों का महल बनाने में लग गया. पर सपनों का महल पूरा बन पाता, उससे पहले ही इतना बड़ा खेल हो गया कि न घर बचा, न उसका दरवाजा, उसके अंदर रखी आलीशान गाड़ियां सब मिट्टी में मिल गईं. और हैरानी की बात ये थी कि छतरपुर के हाजी शहजाद अली ने जिन लोगों के लिए पत्थऱ उठाए थे, वो लोग शहजाद के पकड़े जाने के बाद कहां हैं.
ये तस्वीरें देखकर समझ लीजिए, जब शहजाद पकड़ाया तो कोई भी उसकी मदद के लिए नहीं आया, 72 घंटे के पुलिस रिमांड के दौरान किसी ने उससे मिलने की इच्छा नहीं जताई, यहां तक कि उसके तीनों भाई, जिनके दम पर वो कभी छतरपुर में राज करता था, वो सब फरार हैं, पुलिस उनकी तलाश में जुटी है. लेकिन समझने वाली बात ये है कि इनका मोडस ऑफ ऑपरेंडी क्या था.
स्लीपर सेल से खतरनाक हैं ऐसे ग्रुप
आपको याद होगा कुछ दिन पहले ही ट्रेनों की पटरियों पर पत्थऱ और दूसरे सामान रखे जाने के आरोप में कई आरोपी पकड़े गए, उसके वीडियो सामने आए, जिसका मकसद रेल को पटरी से उतारना था, आप कहेंगे इससे किसी को क्या मिलेगा, तो इसके लिए बकायदा पाकिस्तान और तमाम मुल्कों से फंडिंग आती है, जो बात कई बार पहले भी सामने आ चुकी है, अब शहजाद को फंडिंग कहां-कहां से मिल रही थी इसकी भी जांच जारी है, उसने जो आलीशान महल बनवाया था, वो उसके तीन भाइयों की काली कमाई का ही हिस्सा था, या फिर विदेशी तार भी जुड़े हैं, ये पता करवाया जा रहा है, क्योंकि सवाल अब सिर्फ मध्य प्रदेश का नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा का है.