नई दिल्ली : अपनी ताकत को बढ़ाकर अमेरिका के आगे न झुकने वाला चीन कुछ ही दशकों में तकनीकी शक्ति में जबरदस्त छलांग लगाई है. चाहे रेल, हाई-स्पीड ट्रेन फाइटर जेट या अंतरिक्ष तकनीक हो. हर क्षेत्र में कीर्तिमान रच रहा है. वहीं, मिसाइल क्षेत्र में कई ऐसे हथियार बना लिए हैं, जो पूरी दुनिया दुनिया को टेंशन में ला दिया है. चीन के सबसे खतरनाक हथियार में एक DF-41 डोंगफेंग इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है.
DF-41 मिसाइल की बेहद ताकतवर है. इस मिसाइल की रफ्तार करीब 15000 किलोमीटर है. यह हथियार को चीन लॉन्च करके अमेरिका के किसी भी हिस्से को निशाना बना सकता है. इसकी स्पीड करीब 31000 किलोमीटर प्रति घंटा है. जबतक कुछ समझ आता है. यह हथियार टारगेट को खत्म कर देता है. भारत की ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल से यह कई गुना ताकतवर है. ब्राह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 300-500 किलोमीटर की दूरी है. रक्षा विशेषज्ञ का मानना है कि यह मिसाइल सिर्फ पड़ोसियों ही नहीं बल्कि पूरे दुनिया में चीन के बढ़ते हुए शक्ति का प्रमाण है.
जानिए क्या है इतिहास
चीन के हथियार डोंगफेंग का अर्थ पूर्वी हवा होता है. यह नाम माओ जेदांग के मशहूर भाषण से लिया गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अब दुनिया में सिर्फ दो हवाएं हैं. एक पूर्व और दूसरी पश्चिम की. इस मिसाइल के बनाने का काम 1986 में शुरू हुआ था. 1994 में इसका पहला परीक्षण हुआ. परीक्षण और क्षमता बेहतर होने के बाद 2010 में इसे चीन की सेना को सौंपा गया.
70वें परेड पर दिखा मिसाइल
चीनी सेना के बेड़े में शामिल होने के बाद 2012 से 2016 के बीच अबतक छह से आठ परीक्षण किए गए. कई परीक्षण के बाद 2019 में चीन के 70वें स्थापना दिवस परेड में पहली बार इसे सार्वजनिक रूप से दिखाया गया, जहां चाइना ने यह संदेश दिया कि उसकी शक्ति और हथियारों से अमेरिका के शहर भी दूर नहीं है. विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें 3 से 5 वारहेड्स ही फिट हो सकते हैं. इस मिसाइल में मौजूद डिकॉय और पेनिट्रेशन एड्स अमेरिका जैसे देशों की मिसाइल डिफेंस प्रणाली को चकमा देने में सक्षम हैं.
ये तकनीक बनाता है खास
चाइना की मिसाइल DF-41 एक तीन-स्टेज ठोस ईंधन (solid fuel) आधारित मिसाइल है. इसकी वजह से यह तेजी से तैयार होकर तुरंत लॉन्च की जा सकती है. इसके पास MIRV (Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle) तकनीक है, जो एक ही मिसाइल कई अलग-अलग वारहेड दाग सकती है. चीनी मीडिया का कहना है कि यह मिसाइल 10 तक परमाणु वॉरहेड ले जा सकती है.
ये है क्षमता
DF-41 मिसाइल मोबाइल, रेल मोबाइल और साइलो बेस्ड रोड मोबाइल ट्रांसपोर्ट लॉन्चर की मदद से कठिन इलाके से लॉन्च किया जा सकता है. मिसाइल को रेल मोबाइल के जरिए यात्री ट्रेनों के रूप में छिपाकर ले जाया जा सकता है, जिससे इसे ट्रैक करना नामुमकिन माना गया है. साइलो बेस्ड वर्जन चाइना ने इनर मंगोलिया, गांसू व शिनजियांग जैसे इलाकों में सैकड़ों भूमिगत ठिकानों पर तैयार किया है.
अमेरिका के पास मौजूद है ये हथियार
वर्तमान में अमेरिका के पास मिनुटमैन-III ICBM है. इस मिसाइल का रेंज करीब 13,000 किलोमीटर है. वहीं, रूस RS-28 Sarmat मिसाइल तैयार कर रहा है, जिसकी रेंज 18,000 किलोमीटर तक बताई गई है. हालांकि, चाइना के DF-41 की खासियत मोबाइलिटी और MIRV तकनीक है. यही वजह है कि सामरिक विशेषज्ञ इसे चीन की परमाणु ताकत का सबसे बड़ा हथियार मानते हैं.
भारत और अमेरिका के लिए है चिंता
भारत की ब्रह्मोस मिसाइल दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइल मानी जाती है. हालांकि, यह चाइना के तुलना DF-41 के तुलना में कहीं नहीं टिकता है. DF-41 ज्यादा ताकतवर हथियार है. इस मिसाइल की मारक क्षमता 31 हजार किलोमीटर है, जो अमेरिका से लेकर भारत तक के खतरा है. इस हथियार से दुनिया के किसी शहर में चाइना निशाना लगा सकता है.