नई दिल्ली: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस बीआर गवई ने गुरुवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट में एक वकील द्वारा उन पर जूता फेंकने से वे निस्तब्ध थे. अपनी पहली प्रतिक्रिया में चीफ जस्टिस ने इस घटना को भूला हुआ अध्याय बताया और कहा, "मेरे सम्मानित भाई और मैं सोमवार को जो हुआ, उससे बहुत झटके में थे; हमारे लिए यह भूला हुआ अध्याय है.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, यह टिप्पणी एक चर्चा के दौरान आई, जिसमें वकील गोपाल शंकरनारायणन भी शामिल थे. उन्होंने एक दशक पहले की समान घटना का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "मैंने इस पर एक लेख भी लिखा था... 10 साल पहले पड़ोस के कोर्ट में कुछ ऐसा ही हुआ था. वहां के दो जजों ने कंटेम्प्ट पावर का इस्तेमाल करते समय क्या प्रक्रिया अपनानी चाहिए, इस पर अलग राय ली थी.
बेंच का हिस्सा जस्टिस उज्जल भुइयां ने हमले की कड़ी निंदा की और कहा, "मेरी अपनी राय है इस पर. वे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया हैं, यह मजाक की बात नहीं है! इसके बाद मैं माफी नहीं मांगता; यह संस्था पर अपमान है. जस्टिस भुइयां सीजेआई के उस फैसले का जिक्र कर रहे थे, जिसमें उन्होंने अपराधी के खिलाफ आगे कानूनी कार्रवाई न करने का निर्णय लिया था. अपराधी 71 साल का वकील राकेश किशोर है.