लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को उस समय हंगामा मच गया, जब सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दो विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. यह घटना 'विकसित भारत, विकसित यूपी विजन डॉक्यूमेंट 2047' पर चल रही चर्चा के दौरान हुई, जो पिछले 24 घंटों से सदन में छाई हुई है. सूत्रों के अनुसार, बीजेपी विधायक राजेश चौधरी और सौरभ श्रीवास्तव के बीच बोलने के समय को लेकर बहस शुरू हुई. मामला इतना बढ़ गया कि दोनों के बीच तीखी तकरार के बाद स्थिति हाथापाई तक पहुंचने की कगार पर थी. हालांकि, अन्य विधायकों ने तुरंत हस्तक्षेप कर स्थिति को संभाला.
इस घटना का सबसे रोचक पहलू रहा विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) का रवैया. सपा विधायकों ने इस मौके का फायदा उठाते हुए बीजेपी पर तंज कसे. एक सपा विधायक ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, "जब सत्ताधारी दल के विधायक अपने ही विजन पर आपस में भिड़ रहे हैं, तो यह 'विकसित यूपी' का विजन कितना ठोस होगा?" इस टिप्पणी ने सदन में हल्की-फुल्की हंसी भी बिखेरी, लेकिन बीजेपी खेमे में इसे लेकर असहजता साफ दिखाई दी.
यह घटना उस समय हुई, जब सदन में 'विकसित यूपी 2047' के दस्तावेज पर गंभीर चर्चा चल रही थी. यह दस्तावेज उत्तर प्रदेश के दीर्घकालिक विकास और समृद्धि के लिए सरकार की योजनाओं को रेखांकित करता है. लेकिन बीजेपी विधायकों की आपसी तकरार ने चर्चा को कुछ समय के लिए पटरी से उतार दिया. सदन के अन्य सदस्यों ने इस घटना को "दुर्भाग्यपूर्ण" करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं विधानसभा की गरिमा को प्रभावित करती हैं.
वहीं, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना बीजेपी के भीतर आंतरिक मतभेदों को उजागर करती है, जो भविष्य में सत्तारूढ़ दल के लिए चुनौतियां खड़ी कर सकती है. हालांकि, बीजेपी नेतृत्व ने इस मामले को तूल न देने की कोशिश की और इसे "आम असहमति" करार दिया. दूसरी ओर, सपा ने इस मौके का इस्तेमाल सत्ताधारी दल की एकजुटता पर सवाल उठाने के लिए किया. इस घटना ने एक बार फिर यूपी विधानसभा में सियासी ड्रामे को हवा दी है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह चर्चा कहाँ तक जाती है.