जम्मू-कश्मीर में पुलिस और सैन्यकर्मियों के बीच मारपीट की बात सामने आई है, जिसके बाद 16 सैन्यकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इन सभी सैन्यकर्मियों पर कुपवाड़ा जिले के एक पुलिस स्टेशन में पुलिसकर्मियों पर हमला करने का आरोप है. इनमें सेना की तीन अधिकारी भी शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट्स से जानकारी मिली है कि जवानों के हमले में थाना प्रभारी समेत पांच पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
यह घटना मंगलवार देर शाम की बताई जा रही है. कथित तौर पर सैनिकों को पुलिस स्टेशन के अंदर हंगामा करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया जा रहा है. हालांकि सेना ने पुलिस पर हमला करने से इनकार करते हुए इसे मामूली मतभेद की घटना बताया है.
एक डिफेंस प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस और सेना के जवानों के बीच झगड़ा और मारपीट की खबरें गलत हैं. एक ऑपरेशनल मैटर पर पुलिस कर्मियों और एक क्षेत्रीय सेना इकाई के बीच मामूली मतभेदों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया है.
बताते चलें कि सेना के जिन 16 जवानों पर एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के तीन अधिकारी भी शामिल हैं. उन पर दंगा करने, हत्या की कोशिश और पुलिस स्टेशन में पुलिसकर्मियों की किडनैपिंग के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.
दरअसल एक मामले की जांच के तहत पुलिस ने मंगलवार को कुपवाड़ा के बटपोरा गांव में क्षेत्रीय सेना के एक जवान के घर पर छापेमारी की थी. पुलिस FIR के मुताबिक, रात करीब 9:40 बजे सैनिकों ने पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया और जमकर हंगामा और मारपीट की. सेना के तीन अधिकारियों का नाम भी FIR में शामिल है.
साथ ही कहा गया है कि तीन अधिकारियों के नेतृत्व में 160 प्रादेशिक सेना के सशस्त्र और वर्दीधारी जवान अनाधिकृत रूप से पुलिस स्टेशन में घुस गए. सैनिकों ने बिना किसी उकसावे के पुलिस स्टेशन में मौजूद कर्मचारियों और अधिकारियों पर राइफल बट, लात और डंडों से गंभीर रूप से हमला शुरू कर दिया.
एफआईआर में लिखा गया है कि तुरंत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी गई. ये अधिकारी पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए पुलिस स्टेशन पहुंचे. पुलिस यूनिट्स और सीनियर अधिकारियों को आता देखकर लेफ्टिनेंट कर्नल अंकित सूद, राजू चौहान और निखिल के नेतृत्व में 160 प्रादेशिक सेना के कथित कर्मियों और अधिकारियों ने अपने हथियार लहराए. उन्होंने घायल कर्मियों और SHO पीएस कुपवाड़ा इंस्पेक्टर मोहम्मद इशाक के मोबाइल फोन छीन लिए.
जवानों पर हेड कॉन्स्टेबल की किडनैपिंग का भी आरोप है. एफआईआर में कहा गया है कि भागते समय उन्होंने एमएचसी गुलाम रसूल को किडनैप कर लिया और मौके से फरार हो गए.