उपचुनाव से पहले UP में बदले सियासी हालात, एक्शन में योगी, अधिकारियों पर गिरी गाज

Global Bharat 14 Aug 2024 06:29: PM 2 Mins
उपचुनाव से पहले UP में बदले सियासी हालात, एक्शन में योगी, अधिकारियों पर गिरी गाज

Bjp के फायर ब्रांड नेता या यूं कहें कि बुलडोजर बाबा ने जब साल 2017 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी, तब अपनी कट्टर हिंदुत्ववादी छवि को लेकर काफी सतर्क रहे. लेकिन हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के बाद यूपी में बदले सियासी हालात से उभरते हुए वो अपने पुराने रूप में फिर से लौटते नजर आ रहे हैं. यह बदलाव उनके हालिया बयानों और फैसलों में साफतौर से दिखाई दे रहा है. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के बाद योगी आदित्यनाथ कुछ अलग ही अंदाज में नजर आए.

चुनाव के बाद योगी आदित्यनाथ ने सभी 18 मंडलों के NDA के सांसद और विधायकों के साथ बैठक की थी. बैठक में लगभग सभी ने एक ही बात कही थी कि थाना तहसील से लेकर अन्य विभागों में सपा मानसिकता वाले अधिकारी हैं, जिनकी वजह से सरकार को चुनाव में नुकसान का सामना करना पड़ा. क्योंकि चुनाव से पहले सपा के मुस्लिम यादव BLO ने मतदाता सूची से BJP वोटर्स के नाम काट दिए थे.

उस समय तो सीएम योगी ने कुछ अधिकारियों से तबदले किए थे, लेकिन सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश में मुस्लिम-यादव अफसरों को फिल्ड पोस्टिंग से दूर रखने की तैयारी कर ली है और उपचुनाव वाले 10 जिलों में इनकी पोस्टिंग पर रोक लगा दी है. सरकार के आदेश के मुताबिक मुरादाबाद जिले के सीडीओ को छोड़कर बाकी के 9 जिलों में जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर, SSP, SP, CDO, CMO के साथ साथ फिल्ड से जुड़े मुस्लिम यादव एक भी अफसर को पोस्ट नहीं किया जाएगा. ताकि वो फिल्ड में रहकर बीजेपी के खिलाफ चल रही मुहिम का हिस्सा न बने.

जब से सीएम योगी को ये जानकारी हुई कि लोकसभा में BJP की सरकार का नुकसान करने वाले उनके खेमे में बैठे वहीं अधिकारी ही थे. अब सरकार इस तरह की रणनीति इस लिए बना रही क्योंकि अगर उप चुनाव में सरकार के द्वारा लिया गया यह फैसला ठीक साबित होता है तो सरकार इस प्रयोग को साल 2027 के चुनाव में भी लागू करेगी, क्योंकि इस फैसले को आगामी विधानसभा उपचुनाव के लिए रिहसर्ल माना जा रहा है.

सरकार ने पुलिस विभाग ही नहीं बल्की सभी विभागों से मुस्लिम-यादव अफसरों को हटा दिय़ा है. इनमें थाना तहसील के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्राम्य विकास और उर्जा विभाग को खास कर शामिल किया गया है. इन अधिकारियों पर गाज तक गिरी जब लखनऊ में बारिश के बीच एक युवक और युवती के साथ असामाजिक तत्वों ने बदसलूकी की थी और जिन आरोपियों को पकड़ा गया था वो मुस्लिम-यादव ही थे.

इसलिए योगी बाबा का पारा हाई हो गया और इसके बाद उन्होंने एक बयान दिया था. योगी ने कहा था कि अपराधियों के लिए सद्भावना एक्सप्रेस नहीं अब बुलेट ट्रेन चलेगी, लेकिन किसे पता था. इस बुलेट ट्रेन की चपेट में मुस्लिम-यादव गठजोड़ में शामिल अधिकारी भी आ जाएंगे. बहरहाल, अब देखने वाली बात ये है कि सरकार के इस फैसले नुकसान होता है या फाय़दा.

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