नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश एटीएस ने एक खतरनाक आतंकी मॉड्यूल 'मुजाहिदीन आर्मी' का जाल तोड़ दिया है. संगठन के प्रमुख सूत्रधार मोहम्मद रजा को लखनऊ से धर दबोचा गया. उसके कब्जे से जब्त काली डायरी ने बड़े हमलों की पूर्वनियोजित रणनीति को बेनकाब कर दिया, जिसमें शरिया कानून थोपने की पूरी रूपरेखा नजर आ रही है. अधिकारियों को लगता है कि वह नौजवानों को उग्रवाद की ओर धकेलने का काम कर रहा था. एटीएस की कार्रवाई में रजा की गिरफ्तारी के साथ ही इस षड्यंत्र की परतें खुलने लगीं.
उसके पास मिली काली डायरी में गुप्त संकेतों से भरी नोटिंग्स थीं, जो 13 अलग-अलग दलों के गठन और उनकी भूमिकाओं का ब्योरा देती हैं. सातवें पृष्ठ पर कौम खतरे में का उल्लेख था, जबकि 14वें पृष्ठ पर उर्दू में जिहाद की तैयारी का निशान मिला. तफ्तीश से पता चला कि इस गिरोह का उद्देश्य शरिया व्यवस्था लागू करना और अन्य उग्र कार्रवाइयां करना था.
डायरी में हर इकाई को क्रमांक से चिह्नित किया गया था, जबकि हिंदू धार्मिक व्यक्तियों को काफिर संहिता से संबोधित किया गया. एजेंसियां मान रही हैं कि रजा आध्यात्मिक नेताओं पर निशाना साधने की फिराक में था. मूल रूप से फतेहपुर जिले के निवासी रजा ने केरल प्रवास के दौरान कट्टर गुटों से ताल्लुक जोड़ा. उसके फोन से कई पाकिस्तानी संपर्क नंबर बरामद हुए, जिनकी पड़ताल जारी है.
व्हाट्सएप चैट्स में भी यही गुप्त शब्दावली इस्तेमाल होती थी, जैसे मिलने की जगह को लाइब्रेरी और असलहों की व्यवस्था को दावत कहा जाता. एटीएस के अनुसार, रजा का जाल उत्तर प्रदेश से केरल तक फैला है, और जांच में और सदस्यों का पर्दाफाश होने की उम्मीद है.