नई दिल्ली: गुजरात के जामनगर में सौराष्ट्र एक्सप्रेस ट्रेन में एक दिल दहला देने वाली घटना ने लोगों में गुस्सा भड़का दिया है। 35 वर्षीय दिव्यांग हितेश कांजी मिस्त्री को दो व्यक्तियों, हाजी अय्यूब कछाड़िया (35) और सद्दाम कासम कछाड़िया (33), ने कथित तौर पर चलती ट्रेन से फेंककर मार डाला। यह घटना 13-14 मई 2025 की रात को पोरबंदर से दादर जा रही सौराष्ट्र एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 19016) के दिव्यांग कोच में जामनगर और हापा रेलवे स्टेशनों के बीच हुई। इस क्रूर कृत्य ने रेलवे सुरक्षा और दिव्यांगों के लिए आरक्षित सुविधाओं पर सवाल उठाए हैं।
जबरन कोच में घुसे आयूब और सद्दाम
पुलिस के मुताबिक, हितेश मिस्त्री, जो वडोदरा के रहने वाले थे और मजदूरी करते थे, अपने दोस्त पॉल मथुर मकवाना के साथ पोरबंदर से वडोदरा जा रहे थे। दोनों दिव्यांग कोच में सफर कर रहे थे, जो विशेष रूप से दिव्यांग यात्रियों के लिए आरक्षित होता है। इस दौरान हाजी अय्यूब और सद्दाम, जो जामनगर से राजकोट जा रहे थे, इस कोच में जबरन घुस आए। हितेश ने उनके इस व्यवहार पर आपत्ति जताई, क्योंकि वे गैर-दिव्यांग थे। इससे नाराज होकर दोनों आरोपियों ने हितेश के साथ मारपीट शुरू कर दी और उसे चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया। हितेश का शव बुधवार सुबह जामनगर के पास गुलाबनगर रेलवे ओवरब्रिज के नीचे ट्रैक पर मिला। शव को पोस्टमार्टम के लिए जामनगर के सदर अस्पताल भेजा गया और बाद में परिवार को सौंप दिया गया।
गिरफ्तार हो चुका है अय्यूब
जामनगर रेलवे पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गुरुवार को हाजी अय्यूब कछाड़िया को हापा में गिरफ्तार कर लिया। दूसरा आरोपी, सद्दाम कछाड़िया, अभी फरार है, और पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। पुलिस इंस्पेक्टर भारती वेगड़ा ने बताया कि सीट विवाद के कारण यह झगड़ा हुआ। दोनों आरोपियों के खिलाफ पहले से शराबबंदी कानून के उल्लंघन सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1) (हत्या) के तहत दर्ज किया गया है।
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की है। यह घटना रेलवे में सुरक्षा की कमी और समाज में बढ़ती असहिष्णुता को दर्शाती है। पुलिस ने फरार आरोपी को जल्द पकड़ने का दावा किया है।