पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ दो वोटर आईडी कार्ड रखने के आरोप में नोटिस जारी किया है. यह कार्रवाई तेजस्वी के उस दावे के बाद हुई, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका नाम बिहार की मतदाता सूची से हटा दिया गया है.
चुनाव आयोग ने तेजस्वी के दावे को "तथ्यात्मक रूप से गलत" करार देते हुए स्पष्ट किया कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में मतदान केंद्र संख्या 204, क्रमांक 416 पर दर्ज है, और उनका आधिकारिक इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड (EPIC) नंबर RAB0456228 है. हालांकि, तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक अन्य EPIC नंबर RAB2916120 का जिक्र किया, जो आयोग के रिकॉर्ड में मौजूद नहीं है. इस दूसरे वोटर आईडी कार्ड की प्रामाणिकता पर सवाल उठने के बाद आयोग ने इसकी जांच शुरू कर दी है.
नोटिस में क्या मांगा गया?
चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव से दो वोटर आईडी कार्ड के संबंध में जवाब मांगा है. आयोग के सूत्रों के अनुसार, दूसरा EPIC नंबर (RAB2916120) पिछले 10 सालों के रिकॉर्ड में नहीं मिला है, जिससे संदेह है कि यह नंबर फर्जी हो सकता है. आयोग ने तेजस्वी से पूछा है कि उनके पास यह दूसरा वोटर आईडी कहां से आया और इसका उपयोग क्यों किया गया. अगर दो वोटर आईडी रखने का आरोप सही पाया गया, तो उनके खिलाफ FIR दर्ज की जा सकती है.
तेजस्वी के दावे और विवाद
तेजस्वी यादव ने 2 अगस्त 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उनका नाम बिहार की ड्राफ्ट मतदाता सूची से हटा दिया गया है. उन्होंने दावा किया कि करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, जिसे उन्होंने चुनावी प्रक्रिया में हेरफेर का आरोप लगाते हुए "वोट चोरी" करार दिया. हालांकि, चुनाव आयोग ने तुरंत जवाब देते हुए कहा कि तेजस्वी का नाम सूची में मौजूद है. आयोग ने उनके द्वारा दिए गए EPIC नंबर को अमान्य बताया और दूसरे नंबर की जांच शुरू कर दी.
बीजेपी ने साधा निशाना
इस मामले में बीजेपी ने तेजस्वी पर तीखा हमला बोला है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "तेजस्वी यादव ने दो वोटर आईडी रखकर अपराध किया है. उनके द्वारा 2020 के चुनावी हलफनामे में दिया गया EPIC नंबर और प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया नंबर अलग है. क्या उन्होंने शपथ में झूठ बोला?" बीजेपी ने इस मामले की गहन जांच की मांग की है.
क्या कहता है कानून?
भारत में किसी भी व्यक्ति के पास दो वोटर आईडी कार्ड रखना गैरकानूनी है. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें जुर्माना और सजा दोनों शामिल हैं. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर पुराने वोटर कार्ड को बंद करने या डिटेल्स सुधारने का विकल्प उपलब्ध है. चुनाव आयोग ने इस मामले में जांच तेज कर दी है. अगर तेजस्वी के पास दूसरा वोटर आईडी कार्ड होने की पुष्टि होती है या यह फर्जी पाया जाता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है. तेजस्वी ने अभी तक इस नोटिस का जवाब नहीं दिया है, लेकिन इस मामले ने बिहार में विधानसभा elections से पहले सियासी माहौल को गर्म कर दिया है.