सुकमा: छत्तीसगढ़ के एक छोटे से आदिवासी गांव चिलकापल्ली को आज़ादी के 77 साल बाद पहली बार बिजली मिल गई है. इस ऐतिहासिक कदम से गांव के लोग बेहद खुश हैं और यह विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहा है. राज्य सरकार के प्रयासों से इस गांव के लोगों को अब आधुनिक जीवन की आवश्यकताओं से जुड़ी कई सुविधाएं मिलने जा रही हैं, जो अब तक उनके लिए सिर्फ एक सपना थी.
चिलकापल्ली गांव, जो कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में स्थित है, वर्षों तक बिना बिजली के रहा. यहां के आदिवासी समुदाय को बिजली की कमी का सामना करना पड़ता था, जिससे उनके जीवन स्तर पर काफी असर पड़ा था. हालांकि, राज्य सरकार ने अपनी योजनाओं के तहत इस गांव को बिजली आपूर्ति की सुविधा देने का वादा किया था और अब यह वादा पूरा हुआ है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस ऐतिहासिक अवसर पर कहा कि इस गांव में बिजली कनेक्शन के साथ-साथ गांववासियों को अब रात के समय भी रोशनी की सुविधा मिलेगी, जिससे उनका जीवन आसान होगा और उनके विकास के रास्ते में नई संभावनाएं खुलेंगी. राज्य सरकार की बिजली मंत्रालय ने इस परियोजना को ‘हर घर बिजली’ योजना के तहत पूरा किया. इस योजना के अंतर्गत राज्य के दूर-दराज के गांवों को बिजली से जोड़ा जा रहा है, ताकि ग्रामीण इलाकों में भी शहरी सुविधाओं का विस्तार हो सके. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना के तहत राज्य के अन्य गांवों को भी बिजली मुहैया कराने का भरोसा दिया.
चिलकापल्ली गांव के लोग इस खबर से काफी खुश हैं. 77 साल बाद जब इस गांव को बिजली मिली, तो लोग इसे एक बहुत बड़े बदलाव के रूप में देख रहे हैं. गांव के सरपंच ने बताया कि अब बच्चों को पढ़ाई में सहूलियत होगी, महिलाएं भी घर के कामों में अधिक सुविधा महसूस करेंगी, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब गांव में रात के समय भी काम करने की स्थिति बन सकेगी. ग्रामीणों ने यह भी कहा कि बिजली के आने से उनकी जीवनशैली में बदलाव आएगा और इससे उनका आर्थिक स्तर भी सुधरेगा. उन्होंने राज्य सरकार का धन्यवाद किया और उम्मीद जताई कि आने वाले समय में और भी सुविधाएं उन्हें उपलब्ध कराई जाएंगी.
चिलकापल्ली गांव में बिजली की आपूर्ति से अब ग्रामीणों को कई फायदे मिलेंगे. अब वे आधुनिक तकनीक और उपकरणों का इस्तेमाल कर सकेंगे, जिससे उनकी कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा. इसके अलावा, गांव में छोटे उद्योगों और व्यवसायों के शुरू होने की संभावना भी बढ़ेगी, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा. इस कदम को लेकर राज्य सरकार ने कहा कि बिजली से जुड़ी सुविधाओं के आने से ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी. अब शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और अन्य क्षेत्रों में भी इस गांव का विकास तेजी से होगा.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार की योजना है कि जल्द ही छत्तीसगढ़ के और भी पिछड़े हुए गांवों में बिजली पहुंचाई जाए, ताकि हर नागरिक को बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिल सके. उन्होंने राज्य की विकास योजनाओं के तहत आदिवासी समुदायों के लिए कई अन्य योजनाएं भी शुरू करने की बात कही. चिलकापल्ली गांव को मिली बिजली न सिर्फ एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा में एक अहम कदम है. अब यह गांव भी प्रदेश के अन्य विकसित इलाकों की तरह शहरी सुविधाओं का लाभ उठा सकेगा, जिससे गांववासियों का जीवन स्तर और उनकी खुशहाली बढ़ेगी.