नई दिल्ली: एम्प्लॉयी प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) बोर्ड ने सोमवार को पार्शियल विदड्रॉल के नियमों को ढीला किया. अब 7 करोड़ से ज्यादा सदस्य अपने PF बैलेंस का पूरा 100% निकाल सकते हैं. लेबर मिनिस्टर मनसुख मंडाविया की अगुवाई वाली सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) ने बैठक में कई बड़े फैसले लिए. इनमें विदड्रॉल प्रक्रिया को सरल बनाना, लिटिगेशन कम करने के लिए 'विश्वास स्कीम' लॉन्च करना और EPFO 3.0 के तहत डिजिटल बदलाव शामिल हैं. लेबर मिनिस्ट्री के बयान के मुताबिक, 13 जटिल पार्शियल विदड्रॉल नियमों को तीन मुख्य हिस्सों में बांटा गया है.
जरूरी जरूरतें (बीमारी, पढ़ाई, शादी), घर-घर संबंधी जरूरतें और खास परिस्थितियां. अब सदस्य एम्प्लॉयी और एम्प्लॉयर दोनों के योगदान वाले योग्य PF बैलेंस का पूरा 100% निकाल सकेंगे. पढ़ाई के लिए 10 बार तक और शादी के लिए 5 बार तक निकासी की छूट मिलेगी, पहले यह कुल तीन बार ही सीमित थी. सभी विदड्रॉल के लिए न्यूनतम सर्विस की शर्त को 12 महीने कर दिया गया है. खास परिस्थितियों में अब निकासी का कारण बताने की जरूरत नहीं, जिससे रिजेक्ट होने के केस कम होंगे. सुरक्षा के लिए सदस्य के अकाउंट का 25% हिस्सा न्यूनतम बैलेंस के रूप में रखना होगा, ताकि रिटायरमेंट सेविंग्स बढ़ती रहें. इससे 8.25% सालाना ब्याज और कंपाउंड रिटर्न का फायदा मिलेगा. नए नियमों से 100% क्लेम ऑटो-अप्रूव हो जाएंगे, बिना कागजात के.
प्रीमेच्योर फाइनल सेटलमेंट का समय दो महीने से बढ़ाकर 12 महीने कर दिया गया, जबकि फाइनल पेंशन विदड्रॉल अब 36 महीने बाद मिलेगी (पहले दो महीने). सीबीटी ने 'विश्वास स्कीम' को मंजूरी दी, जो देरी से PF जमा पर जुर्माने से जुड़े पुराने केस सुलझाएगी. मई 2025 तक 2,406 करोड़ रुपए के जुर्माने बकाया थे, 6,000 से ज्यादा केस कोर्टों में लंबित. स्कीम में जुर्माना 1% मासिक फ्लैट रेट पर कम होगा – दो महीने तक 0.25% और चार महीने तक 0.50%. यह स्कीम छह महीने चलेगी (बढ़ाई जा सकती है), और सभी केस कवर करेगी. पालन करने पर लंबित केस खत्म हो जाएंगे.
पेंशनर्स की सुविधा के लिए बोर्ड ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) के साथ एमओयू किया. ईपीएस'95 पेंशनर्स को घर पर डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) मुफ्त मिलेगा 50 रुपए का खर्च EPFO उठाएगा. इससे दूरदराज और ग्रामीण इलाकों के पेंशनर्स को फायदा होगा, पेंशन बिना रुकावट मिलेगी. EPFO 3.0 के तहत सदस्य-केंद्रित डिजिटल फ्रेमवर्क को मंजूरी मिली.
नया हाइब्रिड सिस्टम कोर बैंकिंग को क्लाउड-बेस्ड, एपीआई-फर्स्ट माइक्रोसर्विसेज से जोड़ेगा, अकाउंट मैनेजमेंट, ईआरपी, कंप्लायंस और कस्टमर एक्सपीरियंस कवर करेगा. इससे क्लेम तेजी से सेटल होंगे, तुरंत विदड्रॉल, बहुभाषी सेल्फ-सर्विस और पेरोल से जुड़ी योगदान सुविधा मिलेगी.
बोर्ड ने EPFO के डेट पोर्टफोलियो को पांच साल के लिए चार फंड मैनेजर्स चुने: एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट, एचडीएफसी एएमसी, आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी और यूटीआई एएमसी. इससे रिस्क कम होगा और लॉन्ग-टर्म निवेश मजबूत बनेगा. लेबर मिनिस्टर मंडाविया ने डिजिटल इनिशिएटिव्स लॉन्च किए, जो ट्रांसपेरेंसी, एफिशिएंसी और यूजर एक्सपीरियंस बढ़ाएंगे. इससे सदस्यों और पेंशनर्स के लिए 'ईज ऑफ लिविंग' सुनिश्चित होगा.