एक तरफ देश में गणेश चतुर्थी बड़े धूम धाम से मनाई जा रही है दूसरी तरफ देश के अलग अलग हिस्सों से अशांति फ़ैलाने की खबरे भी लगातार आ रही है. गुजरात की ही बात करें तो पिछले कुछ दिनों से हो रही घटनाओं ने वहां का माहौल बिगड़ रखा है. गुजरात में गणेश महोत्सव के दौरान बार-बार अशांति फैलाने की कोशिशें की जा रही हैं. ये घटनाएं किस ओर इशारा कर रही हैं, और क्या इनका मकसद समाज को बांटना है?
पिछले तीन दिनों में गुजरात के अलग-अलग इलाकों में चार बार अशांति फैलाने की कोशिशें हुई हैं. सबसे पहले सूरत, फिर बड़ौदा, फिर भरूच के बाद अब कच्छ में कुछ असामाजिक तत्वों ने गणेश पंडालों को निशाना बनाया. कच्छ के नखत्रणा तालुका के कोटड़ा गांव में चार मुस्लिम बच्चों ने गणेश की मूर्ति पर पत्थर फेंके और मूर्ति का नुकसान पहुंचाया. इसके बाद उन्होंने पास के एक मंदिर पर हरे रंग का झंडा फहरा दिया. इस घटना के बाद पूरे गांव में तनाव फैल गया, लेकिन पुलिस ने समय पर कार्रवाई कर 7 लोगों को गिरफ्तार कर मामले को शांत करने और तनाव ना फैले इसकी कोशिश की. फिलहाल पुरे गांव में पुलिस की भारी तैनाती है और फिलहाल मामला शांत है.
आपको बता दें, इससे पहले भी सूरत, बड़ौदा और भरूच में इसी तरह की घटनाएं सामने आई थी, जहां गणेश पंडालों पर पत्थर फेंके गए. भरूच में तो हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच झड़प भी हो गई थी, जब कुछ मुस्लिमों ने हिंदू घरों के बाहर हरे झंडे लगाने की कोशिश की. पुलिस को इस घटना पर सख्त कार्रवाई करनी पड़ी, और 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया. तो सवाल उठता है कि आखिर ये घटनाएं क्यों हो रही हैं? कौन लोग हैं जो ऐसी हरकतों से समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं?
अब हम नज़र डालते हैं लखनऊ की एक हालिया घटना पर, जहां इसी तरह की एक कोशिश की गई. उत्तरप्रदेश के लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास से 15 से 20 किलोमीटर की दुरी पर कुछ लोगों ने सांप्रदायिक तनाव की स्तिथि पैदा करने की कोशिश की. दरअसल लखनऊ के थाना क्षेत्र चिनहट में मंगलवार गणेश पंडाल पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने पत्थरबाजी करके भगवान की मूर्ति के पास रखे कलश को तोड़ दिया. ऐसे तत्वों का मकसद सिर्फ एक ही होता है – समाज में साम्प्रदायिक तनाव पैदा करना. ये लोग न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि दो समुदायों के बीच नफरत को भी हवा देते हैं. ये घटनाएं बताती हैं कि ऐसे असामाजिक तत्व समाज में विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन सवाल ये उठता है कि इनकी साजिश कौन रच रहा है? और क्या ये लोग समाज में अपनी नफरत फैलाने में कामयाब होंगे?
आज के समय में जब पूरा देश एकजुट होकर हर पर्व और त्योहार मना रहा है, कुछ लोग समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन हमें ये याद रखना चाहिए कि भारत की ताकत उसकी विविधता में है, और ऐसी छोटी-छोटी घटनाएं हमारे समाज को कमजोर नहीं कर सकतीं. हमें एक साथ खड़े होकर इस तरह की साजिशों का मुकाबला करना होगा. उम्मीद करते हैं कि पुलिस और प्रशासन ऐसे असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई करेगा, ताकि आने वाले समय में किसी भी त्योहार पर इस तरह की घटनाएं न हो.