लखनऊ : उत्तर प्रदेश के वाराणसी एयरपोर्ट पर सोमवार एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट में हुई घटना ने यात्रियों और सुरक्षा एजेंसियों को कई घंटों तक तनाव में डाले रखा. शुरुआती जांच में आशंका हाईजैक की जताई गई थी, लेकिन यात्रियों से पूछताछ के बाद साफ हुआ कि यह पूरी तरह से यात्रियों की गलती और उससे जुड़ी लापरवाही का मामला था. सोमवार को बेंगलुरु से वाराणसी आ रही फ्लाइट आईएक्स-1086 में कुल 163 यात्री सवार हुए थे
विमान जैसे ही वाराणसी के बाबतपुर में स्थित हवाईअड्डा के करीब पहुंचा कि दो यात्री अचानक कॉकपिट की ओर बढ़े. वहीं, दरवाजा खोलने का प्रयास करने लगे. इनमें से एक ने गलती से पासकोड भी दबा दिया, जो संयोग से सही निकल गया. इससे पायलट के सिस्टम पर अलर्ट बज गया. ऐसे में पायलट ने तुरंत प्रतिक्रिया दिखाते हुए एयर ट्रैफिक कंट्रोल को सूचना दी और फ्लाइट को 20 मिनट पहले ही एयरपोर्ट पर सुरक्षित उतार लिया गया. विमान लैंड होते ही दोनों यात्रियों व उनके सात साथियों को सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में ले लिया.
इस घटना के बाद एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई. वहीं, हिरासत में लिए गए यात्रियों से पूछताछ का सिलसिला लगभग 11 घंटे तक चला. स्थानीय पुलिस के अलावा केंद्रीय एजेंसियों ने भी जांच की. पूछताछ में सामने आया कि हिरासत में लिए गए सभी यात्री बेंगलुरु में ऑटो चलाने का काम करते है. वे वाराणसी दर्शन के लिए फ्लाइट से यात्रा कर रहे थे. दरअसल, उनमें से एक को टॉयलेट जाना था, लेकिन उसने गलती से कॉकपिट का दरवाजा खोलने की कोशिश कर दी. इसी बीच उसका दूसरा साथी भी पहुंच गया और हालात संदिग्ध बन गए. अन्य यात्रियों ने जब यह देखा तो घबराहट फैल गई और उड़ान में अफरा-तफरी मच गई.
एजेंसियों ने यात्रियों के पते और पहचान का सत्यापन कराने के बाद सभी विवरण सही पाए जाने पर देर रात नौ बजे रिहा कर दिया. हालांकि, एयरपोर्ट और एयरलाइन प्रबंधन ने इस तरह की हरकत को गंभीर मानते हुए भविष्य में सुरक्षा मानकों को और मजबूत करने की बात कही है. विशेषज्ञों का कहना है कि विमान सुरक्षा नियमों के बारे में यात्रियों को स्पष्ट जानकारी दी जानी चाहिए. ताकि, अनजाने में भी होने वाली घटनाओं को रोका जा सके. फिलहाल राहत यह है कि मामला किसी बड़ी साजिश से जुड़ा नहीं था और सभी यात्री सुरक्षित रहे.