ग्लोबल भारत नेशनल डेस्क: क्या चंद्रशेखर हिंदुस्तान की सियासत के दूसरे केजरीवाल बनने जा रहे हैं, जैसे केजरीवाल खुद को आम आदमी दिखाकर खास जिंदगी जीने लगे, क्या ठीक वैसे ही चंद्रशेखर गरीब, मजलूमों और दलितों की बात कर अपनी लाइफस्टाइल शानदार करने में जुटे हैं, ये सवाल सिर्फ इसलिए नहीं है कि वो हेलीकॉप्टर से घूम रहे हैं, अमेरिका में टेस्ला कार से घूमते उनका वीडियो सामने आता है, बल्कि सवाल इसलिए है कि देश के 20 करोड़ दलित जिससे भी अपनी उम्मीद लगाते हैं, वो कुर्सी मिलते ही बदल क्यों जाता है. दलितों की देवी कही जाने वाली मायावती आज 111 करोड़ की संपत्ति की मालकिन हैं, उन्होंने दलितों के लिए कई बड़े काम किए, पर चंद्रशेखर भी इस बात को मानते हैं कि आज भी दलित वर्ग गरीबी में जीने को मजबूर है, फिर सवाल है उन्हें कोई अमीर क्यों नहीं बना पा रहा, क्या नेता सिर्फ उन्हें अपने वोट के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.
ये साल 2020-21 की ऑडिट रिपोर्ट है, जो चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी की है, जिसमें लिखा है पार्टी के पास 5 लाख 44 हजार की संपत्ति है, इतना पैसा हो सकता है दान से मिला हो, लेकिन अब इसके पास कितनी संपत्ति है, इसकी जानकारी नहीं मिलती, पार्टी बनने के बाद पहले चंद्रशेखर ने यूपी में चुनाव लड़ा, महाराष्ट्र में प्रत्याशी उतारे, बिहार में पप्पू यादव के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा, यहां तक की दिल्ली में भी उम्मीदवार उतारे, कई जगहों पर चंद्रशेखर हेलीकॉप्टर से गए, जिसके एक घंटे का किराया करीब 1 लाख रुपये होता है, तो फिर सवाल है पार्टी के पास पैसा ज्यादा है नहीं, तो ये आ कहां से रहा है, जरा ये समझिए.
तो कागजों पर पार्टी के पास पैसा ज्यादा नहीं है, इसीलिए जब हेलीकॉप्टर को लेकर चंद्रशेखर से सवाल पूछा जाता है तो कहते हैं हर जगह गाड़ी से जाना संभव नहीं होता, इसलिए ये जरूरी है, तो क्या किराया पार्टी के कुछ नेता दे रहे हैं, और चंदा सिस्टम चल रहा है, क्योंकि भीम आर्मी एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय रतन सिंह तो यही इशारा करते हैं, वो कहते हैं
पर सवाल ये बरकार है कि 2015 में कॉलेज के दिनों में जब चंद्रशेखर ने ये देखा कि दलित छात्रों को पानी पीने और बेंच साफ न करने पर पीटा जाता था, तो इस अन्याय के खिलाफ जो भीम आर्मी बनाई, वो अपने उद्देश्य पर कायम है, या फिर यूपी में दलितों पर अन्याय होगा तो वो आवाज उठाएंगे, और मुर्शिदाबाद से दलित भगाए जाएंगे तो चुप रहेंगे, इस तरीके की सियासत चंद्रशेखर करने लगे हैं. जिस पार्टी की स्थापना के वक्त ये नारा दिया गया कांशीराम तेरा मिशन अधूरा, आज़ाद समाज पार्टी करेगी पूरा, क्या वो हकीकत में आपको तब्दील होती नजर आ रही है. करीब 16 महीने जेल में रहने के बाद चंद्रशेखर का छूटना, पार्टी बनाना, और उनके खिलाफ 36 मुकदमों का दर्ज होना, सबसे ज्यादा आपराधिक केस के मामलों में चंद्रशेखर का नंबर 1 बनना, क्या कहता है.