गाजियाबाद : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी थाने से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. अपने रिश्तेदार को कार देने के लिए सिपाही ने कार चोरी के सरगना से हाथ मिला लिया और ऑन डिमांड कार चोरी करा दी. मामले का खुलासा कार के बरामद होने के बाद हुआ है. सिपाही की संलिप्तता ने पुलिस महकमे पर सवाल खड़े कर दिए हैं. जनता की सुरक्षा और भरोसे के लिए जिम्मेदार वर्दीधारी ही अपराधियों से हाथ मिलाकर उन्हीं वारदातों को अंजाम देता मिलेगा तो क्या ही होगा.
गाजियाबाद पुलिस ने 31 अगस्त की रात पुलिस मुठभेड़ में वाहन चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का मुख्य आरोपी सलमान फारुखी को गिरफ्तार किया. पुलिस की पुछताछ में सलमान ने चौकानें वाला खुलासा किया. सलमान ने बताया कि लोनी थाने का सिपाही मनीष कुमार ने ही अपने रिश्तेदार को कार देने के लिए चोरी का पूरा खेल रच दिया था. पुलिस ने आरोपी सिपाही को निलंबित करते हुए मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तारी के लिए जुट गई. डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने बताया कि मामले में सिपाही मनीष कुमार पर मामला दर्ज किया गया है. गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.
8 अप्रैल को चोरी हुई थी कार
दिल्ली निवासी कमल खरबंदा की ब्रेजा कार 8 अप्रैल को चोरी हो गई थी. पुलिस ने काफी मेहनत के बाद कार को मुरादनगर में ट्रैक किया और कार में जीपीएस चिप भी लगाई, लेकिन तभी लोनी थाने का सिपाही मनीष मौके पर पहुंचा और टीम को चाय पिलाने के बहाने वहां से ले गया. जब पुलिस वापस लौटी तो कार गायब हो गई थी. बाद में पुलिस ने जीपीएस से कार को ट्रैक करके बागपत से किया. इस पूरे खेल में सिपाही मनीष कुमार मुख्य भूमिका में था, जो कार चोरी से लेकर गायब कराने में मददगार बन गया.
दागदार है सिपाही का रिकॉर्ड
सिपाही मनीष कुमार का रिकॉर्ड दागदार है. इससे पहले भी उनका नाम विवादों में आया है. वर्ष 2019 में छिजारसी चौकी में एक किसान प्रदीप की कस्टडी में मौत के मामले में भी वह जेल जा चुका है. तब भी उसके ऊपर आरोप लगा था कि उसने अपनी वर्दी का गलत इस्तेमाल किया है. सिपाही की संलिप्तता के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया आ रही है. लोगों का कहना है कि पुलिस का काम जनता को सुरक्षा देना है, लेकिन जब वही सिपाही अपराधियों से हाथ मिला ले तो आम आदमी का विश्वास टूट जाता है. निलंबन के बाद से मनीष फरार है.