अभिषेक चतुर्वेदी
क्या दो लड़कों की ताकत से मनचलों, अपराधियों, चोर-उचक्कों और महिलाओं पर बुरी नजर रखने वालों की हिमाकत बढ़ रही हैं. क्या राहुल-अखिलेश की ज्यादा सीटें आने का परिणाम प्रदेश झेल रहा है या सिर्फ ये बात सियासत की वजह से कही जा रही है. आखिर हर बड़े केस से सपा का कनेक्शन कैसे निकल रहा है. आखिर योगी की टेबल पर अयोध्या टू कन्नौज वाया हरदोई जो फाइल पहुंची है. उसमें ऐसा क्या लिखा है, जिसे पढ़ने के बाद यूपी पुलिस को स्पेशल ऑपरेशन लॉन्च करना पड़ सकता है. सफेद लिबास में छिपे उन लोगों को पकड़ना होगा, जो समाज के दुश्मन बने बैठे हैं. यूपी में बीते 40 दिनों के 4 बड़े केस उठाकर देखिए, हर केस में किसी न किसी सियासी पार्टी से आरोपी का नाता मिलेगा.
हरदोई कांड- सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र यादव पर एक वकील को ऊपर पहुंचाने के न सिर्फ आरोप लगे, बल्कि पुलिस ने पूरी प्लानिंग की पोल खोली और गिरफ्तार किया.
लखनऊ कांड- गोमतीनगर जैसे वीवीआईपी इलाके में कुछ लड़कों ने एक लड़की के साथ गलत करने की कोशिश की, योगी ने आरोपियों का नाम पढ़ा तो सियासत होने लगी.
अयोध्या कांड- मोईन खान ने एक नाबालिग के साथ अपनी बेकरी में गलत किया, मोईन की कुंडली खुली तो सपा से नाता सामने आया.
उन्नाव कांड- अखिलेश और डिंपल के करीबी नवाब सिंह यादव को पुलिस ने लाइव छापा मारकर आपत्तिजनक हालत में पकड़ा. जिसके बाद गिरफ्तारी के दौरान धक्का-मुक्की भी हुई, तो सवाल ये उठता है कि ऐसे लोगों को बचाना कौन चाहता है.
अगर आरोप झूठे हैं तो अदालत में साबित होंगे, अखिलेश जिस डीएनए रिपोर्ट की मांग करते हैं. उसके सामने आते ही दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. क्योंकि यूपी पुलिस को साफ आदेश मिला है एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी नहीं करना, रजिस्टर में संख्या बढ़ती है तो बढ़ने दो, पर कोई कितना भी रसूखदार हो, उसके खिलाफ अगर शिकायत आती है, तो जांच के बाद उसे गिरफ्तार करो, शायद यही वजह है कि यूपी साल 2024 के शुरुआती 8 महीनों में महिला अपराध में नंबर 1 बन गया है.
राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट के हवाले से शहजाद पूनावाला कहते हैं...आयोग को साल 2024 में महिला विरोधी अपराध की कुल 12,600 शिकायतें मिली हैं, जिनमें सबसे अधिक 6,470 मामले उत्तर प्रदेश से हैं. दूसरे नम्बर पर दिल्ली है, जहां से 1,113 और तीसरे पर महाराष्ट्र है, जहां से 762 शिकायतें आई हैं.
अगर इन आंकड़ों को महीने के हिसाब से देखें तो रोजाना महिलाओं के खिलाफ अपराध के करीब 30 मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें कितने नवाब और कितने मोईद होंगे, इसका अंदाजा आप सीएम योगी के इस बयान से लगाइए, क्योंकि योगी बिना किसी सबूत के जल्दी कुछ नहीं बोलते.
पर हैरानी की बात ये है कि इतने गंभीर आरोप के बाद भी ऐसे लोगों को बचाने की कोशिश कौन कर रहा है. सियासत में सीटें ज्यादा-कम होना चलता रहता है, पर अपराध का ग्राफ हमेशा नीचे रहना चाहिए, ताकि महिलाएं खुद को महफूज महसूस करें. योगी आदित्यनाथ की पुलिस ने इस बार फाइनल प्लान तैयार कर लिया है, अब नवाब हों या मोईद सिर्फ उनके ठिकाने पर ही बुलडोजर नहीं चलेगा, बल्कि इनके शागिर्द भी नपेंगे.
जैसे नवाब के केस में उसके आसपास के 11 घरों पर बुलडोजर एक्शन की फाइल तैयार हुई, ठीक वैसे ही तैयारी नवाब सिंह यादव के केस में भी शुरू हो चुकी है. किसी भी वक्त राजस्व विभाग की टीम रिपोर्ट तैयार कर लखनऊ भेज सकती है और एक भी ठिकाने अगर अवैध मिले तो फिर नवाब सिंह यादव के घर पूरी तैयारी के साथ पहुंच सकती है.