नई दिल्ली : बूंदी जिले के केशवरायपाटन क्षेत्र में एक बड़ा मामला सामने आया है ट्रेन से गिरकर घायल हुआ युवक खुद ही चलकर अस्पताल पहुंचा, जहां इलाज के दौरान उसने पुलिस को अपना परिचय पाकिस्तानी इरफान के रूप में दिया. पुलिस की पूछताछ में उसके बयान बेहद चौंकाने वाले और संदिग्ध लग रहे हैं. उसने दावा किया कि वह नेपाल की सीमा से अवैध तरीके से भारत में घुस गया. बताया कि उसे पाकिस्तान के एक आतंकी संगठन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हत्या की साजिश के लिए भारत भेजा है. इस काम के बदले में उसे 10 लाख रुपए दिए गए थे.
पूछताछ के दौरान इरफान अबतक कई बार-बार अपना बयान बदल रहा है. इरफान कभी कहता कि वह हत्या करने आया है तो कभी यह कहकर मुकर गया कि वह सिर्फ रोजगार की तलाश में भारत पहुँचा है. पुलिस के अधिकारियों को उसका यह रवैया बेहद संदिग्ध लगा है. युवक के पास से 1920 यूरो, करीब 45 हजार भारतीय रुपए व अलग-अलग ट्रेनों के छह टिकट बरामद हुए हैं. उसके पास रेलवे में बिना टिकट यात्रा करने की जुर्माने की पर्ची भी मिली मिली है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि युवक पहले नेपाल की सीमा से भारत की सीमा में दाखिल हुआ और वहां अपने सभी पाकिस्तानी दस्तावेज को नष्ट कर दिए. पूछताछ में उसने बताया कि नेपाल से वह बरेली और लखनऊ होते हुए राजस्थान पहुंच गया. इसके बाद सवाई माधोपुर से मुंबई जाने की कोशिश में था, लेकिन ट्रेन से गिरने के बाद उसके मंसूबों पर पानी फिर गया और पूरा मामला खुलकर सामने आ गया.
इरफान से केशवरायपाटन थाने में थाना प्रभारी हंसराज मीणा व अन्य अधिकारियों ने पूछताछ की. पूछताछ के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए उसे इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) कोटा के हवाले युवक को कर दिया गया. बूंदी की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमा शर्मा और जीआरपी के डीएसपी शंकरलाल मीणा ने भी उससे पूछताछ की. पुलिस का कहना है कि युवक की गतिविधियां और बयान उसकी संदिग्धता को बढ़ा रहे हैं. इस वजह से मामले की जांच खुफिया एजेंसियों को सौंप दी गई है. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि युवक का बयान कितना सही है और इसके पीछे असली साजिश क्या है.