तुर्की को सता रहा इजरायल के हमले का डर, एर्दोगन ने बुलाई अरब और मुस्लिम नेताओं की बैठक

Amanat Ansari 14 Sep 2025 03:58: PM 2 Mins
तुर्की को सता रहा इजरायल के हमले का डर, एर्दोगन ने बुलाई अरब और मुस्लिम नेताओं की बैठक

नई दिल्ली: इजरायल द्वारा कतर में हमास नेताओं पर हमले के बाद तुर्की ने आशंका जताई है कि वह इजरायल का अगला निशाना हो सकता है. तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि इजरायल की आक्रामक नीतियां क्षेत्र को अस्थिरता की ओर धकेल सकती हैं. मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इजरायल के हालिया हमले, जिसमें ईरान, यमन, सीरिया और कतर को निशाना बनाया गया, क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं.

उन्होंने आगाह किया कि यदि इजरायल अपनी "लापरवाह" कार्रवाइयों को जारी रखता है, तो यह पूरे क्षेत्र को संकट में डाल सकता है. तुर्की और इजरायल के बीच तनाव का एक प्रमुख कारण सीरिया है, जहां पिछले साल बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद तुर्की ने अपने प्रभाव को बढ़ाया है. इजरायल, सीरिया में तुर्की की सैन्य उपस्थिति को अपने लिए खतरा मानता है.

दोनों देशों के रिश्ते, जो कभी सहयोगी थे, पिछले दो दशकों में खराब हो गए हैं, खासकर राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन के सत्ता में आने के बाद. एर्दोगन ने हमास और फिलिस्तीनी आंदोलन का खुलकर समर्थन किया है और गाजा युद्ध को लेकर इजरायल की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर गंभीर आरोप लगाए और उनकी तुलना ऐतिहासिक तानाशाहों से की.

तुर्की का दावा है कि इजरायल ने उसे हमास को समर्थन देने का आरोप लगाया है, क्योंकि हमास के कुछ नेता तुर्की में रहते हैं और वहां से अपनी गतिविधियां संचालित करते हैं. तुर्की और कतर के बीच मजबूत सैन्य व व्यापारिक संबंध भी इस तनाव को बढ़ाने का कारण हैं. एर्दोगन जल्द ही कतर में अरब और मुस्लिम नेताओं के एक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं, जिससे तुर्की की चिंताएं और गहरी हो गई हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि इजरायल की बेखौफ सैन्य कार्रवाइयां, जो अंतरराष्ट्रीय नियमों को नजरअंदाज करती हैं, तुर्की के लिए खतरे की घंटी हैं. तुर्की, जो नाटो का सदस्य है और उसकी सेना गठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है, ने अपनी रक्षा तैयारियां तेज कर दी हैं. हाल ही में तुर्की ने स्टील डोम हवाई रक्षा प्रणाली का उद्घाटन किया और स्वदेशी मिसाइलों व पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान KAAN के उत्पादन को गति देने के आदेश दिए हैं.

यदि इजरायल तुर्की पर हमला करता है, तो यह नाटो के आर्टिकल-5 का उल्लंघन होगा, जिसके तहत गठबंधन के सभी 30 देशों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ सकती है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल द्वारा तुर्की पर सीधा हवाई हमला करने की संभावना कम है, लेकिन गुप्त या लक्षित हमले संभव हो सकते हैं. इस स्थिति ने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया है, और तुर्की ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी खतरे का जवाब देने के लिए तैयार है.

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