नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जब मोखामा में उनके चुनावी भाषण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. यह वीडियो राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट किया था, जिसमें कथित तौर पर मंत्री मतदाताओं को निर्देश देते दिख रहे हैं कि गरीब लोगों को मतदान के दिन घर से बाहर निकलने से रोकें. राजद ने रविवार को क्लिप ऑनलाइन साझा करते हुए सिंह पर मतदाताओं को खुलेआम धमकाने और चुनाव आयोग की सत्ता को कमजोर करने का आरोप लगाया.
राजद ने पोस्ट में लिखा, ''केंद्रीय मंत्री ललन सिंह चुनाव आयोग के सीने पर बुलडोजर चला रहे हैं, कह रहे हैं कि गरीबों को मतदान के दिन घर से निकलने न दिया जाए. उन्हें बंद कर दो, और अगर ज्यादा गिड़गिड़ाएं तो साथ ले जाओ और अपना वोट डलवा दो. मरी हुई चुनाव आयोग कहां है?''
इस पोस्ट ने व्यापक आलोचना को जन्म दिया और ,विपक्षी दलों ने तत्काल कार्रवाई की मांग की. वीडियो तेजी से वायरल हो गया, जिससे बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम प्रचार दिवस से पहले जनता में भारी रोष फैल गया. विवाद के बाद पटना जिला प्रशासन ने पुष्टि की कि जिले की वीडियो निगरानी टीम द्वारा रिकॉर्ड किए गए फुटेज की जांच के बाद ललन सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
प्रशासन ने बताया कि मामला भारतीय नागरिक संहिता (बीएनएस) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि फुटेज से स्पष्ट रूप से आचार संहिता का उल्लंघन साबित होता है. बढ़ती आलोचना के बीच बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने भी ललन सिंह को नोटिस जारी किया है, जिसमें उनके बयान पर स्पष्टीकरण मांगा गया है.
अधिकारियों के अनुसार, नोटिस में मंत्री को जल्द से जल्द अपनी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया है. चुनाव आयोग ने राजद की औपचारिक शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई की, जिसमें केंद्रीय मंत्री पर मतदाताओं को डराकर प्रभावित करने की कोशिश करने के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग की गई थी. यह घटनाक्रम प्रचार के अंतिम दिन सामने आया है, जिससे पहले से ही तनावपूर्ण बिहार चुनावी माहौल में और राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है.