नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में एक बाइक शोरूम के मालिक अभिषेक गुप्ता की निर्मम हत्या ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है. मूल रूप से हाथरस के निवासी अभिषेक की यह वारदात 26 सितंबर को तब घटी, जब वे अपने पिता और भाई के साथ गांव लौट रहे थे. बस स्टैंड के पास पहुंचते ही अज्ञात हमलावरों ने उन पर गोलियां चलाईं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
शुरुआती जांच में यह साफ हो गया कि हत्या के पीछे एक करीबी रिश्तेदार का हाथ है, जो अनैतिक संबंधों और लालच से प्रेरित था. परिजनों के बयानों से खुलासा हुआ कि अभिषेक की हत्या की साजिश रचने वाली कोई और नहीं, बल्कि उनकी दूर की रिश्तेदार महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती उर्फ पूजा शकुन पांडेय हैं. पूजा, जो निरंजनी अखाड़े की प्रमुख सदस्य और महामंडलेश्वर थीं, ने अभिषेक को कई सालों से अपने प्रेम के जाल में फंसाए रखा था. शादीशुदा होने के बावजूद, उनके दो बच्चों की मां पूजा ने अभिषेक पर शादी का दबाव बनाया और जब बात नहीं बनी, तो ब्लैकमेलिंग का सहारा लिया.
उन्होंने अभिषेक के कुछ निजी फोटो और वीडियो का इस्तेमाल कर न सिर्फ शादी के लिए मजबूर किया, बल्कि अपनी मांगों को पूरा करने के लिए दबाव डाला. इतना ही नहीं, पूजा ने अभिषेक के बाइक शोरूम में मुफ्त साझेदारी की भी मांग की, जो अस्वीकार होने पर गुस्से का कारण बनी. जब अभिषेक ने पूजा से दूरी बनानी शुरू की, उनका घर जाना बंद कर दिया और फोन नंबर ब्लॉक कर दिए तो पूजा ने चेतावनी दी कि अगर तू मेरा नहीं, तो किसी और का भी नहीं बनेगा. इसी गुस्से में उन्होंने अपने पति अशोक पांडेय के साथ मिलकर तीन लाख रुपए की सुपारी देकर शूटरों को हायर किया.
हत्या की यह साजिश इतनी सोची-समझी थी कि अभिषेक की जिंदगी हमेशा के लिए खत्म हो गई. परिजनों का गुस्सा सातवें आसमान पर है. वे सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा, यहां तक कि फांसी की मांग कर रहे हैं. इस घटना के बाद धार्मिक जगत में भी हड़कंप मच गया. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने पूजा शकुन को निरंजनी अखाड़े से सदस्यता समाप्त करने के साथ-साथ महामंडलेश्वर के पद से भी बर्खास्त कर दिया.
रविंद्र पुरी ने कहा कि पूजा को उनकी धार्मिक सक्रियता के आधार पर यह सम्मान दिया गया था, लेकिन यह अपराधी कृत्य किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. यह फैसला हत्या के खुलासे के तुरंत बाद लिया गया, जो समाज में नैतिकता की दुहाई देने वालों के दोहरे चरित्र को उजागर करता है. पुलिस ने अब तक पूजा के पति अशोक पांडेय और एक शूटर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
मुख्य आरोपी पूजा और दूसरा शूटर अभी भी फरार हैं, जिनके सिर पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित है. अलीगढ़ के एसएसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया कि अभिषेक और पूजा के बीच पुराने संबंध थे, जो अब हत्या की वजह बने. उन्होंने भरोसा जताया कि बाकी फरार आरोपियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा और मामले की गहन जांच जारी है. यह केस न सिर्फ अपराध की गहराई दिखाता है, बल्कि रिश्तों के नाम पर होने वाले विश्वासघात की भी दर्दनाक कहानी बयान करता है.